Ambe Gauri Aarati: नवदुर्गा का आठवा रुप माँ गौरी को माना जाता है। जो हिंदू धर्म की प्रमुख देवी है। इन्हे महागौरी, माँ गौरी, माँ अम्बे आदि नामो से जाना जाता है। मान्यतायों के अनुसार माँ गौरी का निवासस्थान कैलाश पर्वत एवं इनकी सवारी वृषभ (बैल) है।
माँ गौरी का उपासना मंत्र ॐ महागौर्ये नमः है। अगर आप प्रतिदिन पूरे आस्थाभाव से ॐ महागौर्ये नमः मंत्र का जाप करते है तो आपकी सारी मनोकांक्षाये पूर्ण होंगी। और आप स्वस्थ व कुशल जीवन व्यतीत करेंगे। आज हम इस लेख मे माँ गौरी की आरती (ambe ji ki aarti) पढेंगे|
ॐ जय अंबे गौरी आरती – Jai ambe gauri aarti
jai ambe gauri aarti lyrics in hindi
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ओम जय अंबे गौरी…..
मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
ओम जय अंबे गौरी…
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
ओम जय अंबे गौरी…
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ओम जय अंबे गौरी….
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
ओम जय अंबे गौरी…..
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
ओम जय अंबे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय अंबे गौरी…
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ओम जय अंबे गौरी…..
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूं।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
ओम जय अंबे गौरी…..
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
ओम जय अंबे गौरी…..
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
ओम जय अंबे गौरी…..
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
ओम जय अंबे गौरी…
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अंबे गौरी, जय अंबे गौरी,
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ॐ जय अंबे गौरी आरती चित्र – om jai ambe gauri Aarti Image
माँ दुर्गा आरती (ॐ जय अंबे गौरी) Durga Mata ki aarti
#अम्बे तू है जगदम्बे काली, आरती
#सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र