Gurur Brahma Gurur Vishnu: भारतीय परम्परा मे गुरू का स्थान ईश्वर से भी उंचा है क्योकि गुरु के द्वारा ही हमे ईश्वर का ज्ञान होता है इसी भावार्थ मे भारत के प्रसिध्द कवि कबीर दास जी ने एक दोहे के माध्यम से गुरु व ईश्वर की तुलना की है और अंत: गुरु को ईश्वर से भी उंचा स्थान दिया है दोहा इस प्रकार है “गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय॥”
अगर हम गुरु के शाब्दिक अर्थ पर प्रकाश डाले तो गुरु का अर्थ – अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना होता है. अर्थात गुरु की सहायता से ही हम अपने अंधकार भरे जीवन को प्रकाश की ओर ले जाने मे सक्षम हो पाते है। गुरु को ईश्वर से उंचा स्थान सिर्फ कलयुग मे ही नही बल्कि अन्य युगो मे भी देखने को मिलता है जिसका संदर्भ भारतीय धार्मिक ग्रंथो जैसे – वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, आदि मे देखने को मिलता है। आइये गुरु पर प्रसिध्द श्लोक “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः (Gurur Brahma Gurur Vishnu Gurur Devo Maheshwarh)” का सम्पूर्ण श्लोक व अर्थ जानते है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु श्लोक – Gurur Brahma Gurur Vishnu Shlok
Gurur Brahma Gurur Vishnu Shlok
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||
Meaning 1: गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, गुरु ही भगवान शिव है और गुरु ही साक्षात (स्वयं ही) परमब्रह्म है। ऐसे गुरु को हम प्रणाम करते हैं।
Meaning 2: शिष्य के लिए गुरु ही ब्रम्ह हैं, गुरु ही भगवान विष्णु हैं व गुरु ही भगवान शिव हैं तथा गुरु ही स्वयं परब्रह्म हैं। इसीलिए गुरु को हम प्रणाम करते है।
Meaning 3:– गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः श्लोक मे गुरु को ब्रम्हा, विष्णु व भगवान शिव की उपाधि दी जा रही है अर्थात गुरु ही ब्रम्हा है, गुरु ही शिव है, तथा गुरु ही विष्णु है अत: गुरु ही परमब्रम्ह है हम ऐसे गुरु को प्रणाम करते है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु – Gurur Brahma Gurur Vishnu arth
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||
gurur brahma gurur vishnu meaning
- गुरु- अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला अर्थात शिक्षा देने वाला या मार्गदर्शन करने वाला।
- ब्रह्मा – भगवान ब्रह्मा जी जिन्होने सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की है।
- विष्णुं – भगवान विष्णु जो सम्पूर्ण जगत के पालनहार है।
- महेश्वरा – महेश्वरा अर्थात भगवान शिव जी जो जगत के रक्षक व विनाशक हैं।
- साक्षात – प्रत्यक्ष या स्वंय ही
- परब्रह्म – सर्वोच्च शक्ति
- तस्मै – तुम्ही को अर्थात गुरु को
- श्री : आध्यात्मिक सम्बोधन
- नम: – नमन करन / प्रणाम करना
उपर्युक्त दिये गये शब्दो के अर्थों की सहायता से आप स्वयं से ही इस श्लोक का अर्थ निकाल सकते है।
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गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |
gurur brahma gurur vishnu lyrics
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||
गुरुरादिरनादिश्च गुरुः परमदैवतम् ।
गुरोः परतरं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
नीचं शय्यासनं चास्य सर्वदा गुरुसंनिधौ ।
गुरोस्तु चक्षुर्विषये न यथेष्टासनो भवेत् ॥
प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा ।
शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः ॥
विद्वत्त्वं दक्षता शीलं सङ्कान्तिरनुशीलनम् ।
शिक्षकस्य गुणाः सप्त सचेतस्त्वं प्रसन्नता ॥
गुरु पर 10 शब्द – 10 line guru par
- गुरु हमे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
- गुरु हमे सच्चा मार्ग दिखाता है।
- गुरु एक शिष्य के लिये ज्ञानी, मार्गदर्शक, शिक्षक, प्रेरणास्रोत आदि होते है।
- गुरु का पद ईश्वर से भी उंचा होता है।
- गुरु के सहायता से ही हम जीवन को मूल्यवान बना पाते है।
- गुरु और शिष्य का एक गहरा आत्मीय और विश्वास का रिश्ता होता हैं
- गुरु हमेशा अपने शिष्य को स्वयं से उंचे स्थान पर देखना चाहता है।
- गुरु जीवन का अमूल्य उपहार होता है।
- गुरु की सहायता से ही हम अपने विचार को विकसित कर पाते हैं।
- और अंत: गुरु के बिना जीवन का कोई मूल्य नही।
निष्कर्ष – गुरु ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे अमूल्य उपहार है जो हमे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. हमने इस लेख मे गुरु पर प्रसिध्द श्लोक गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः (Gurur brahma gurur vishnu gurur devo maheshwara) को देखा, यह लेख आपके विचार को किस प्रकार प्रभावित किया, कमेंट मे हमे जरुर बताये, साथ ही आप गुरु पर कुछ अपने सुविचार भी सांझा करें।