ganesh chaturthi 2023: हिन्दू धर्म में गणेश जी की पूजा पाठ सबसे पहले किया जाता है कहां जाता है कोई भी पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, तभी पूजा का फल मिलता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणपति जी की विधि विधान से पूजा पाठ करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते है।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव माने जाते हैं। अर्थात हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भारत के प्रमुख त्योहारों में से गणेश पूजा अर्थात गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) का धार्मिक महत्व अधिक बताया गया है जो कि भादव माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, यह त्यौहार बड़े धूम-धाम से ढोल नगाड़ों व बाजों के साथ दस दिनों तक मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी कब है? – 2023 Ganesh Chaturthi Kab hai
Ganesh Chaturthi Kab Hai 2023: इस वर्ष गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष को है जो 19 सितंबर 2023 दिन मंगलावार को पड रहा है। इसी दिन से गणेश चतुर्थी की शुरुआत होगी, एवं इसका समापन 28 सितंबर दिन गुरुवार को होगा।
भादव माह में गणेश उत्सव का यह पावन पर्व दस दिनों तक चलता है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी तक दोनों टाइम गणपति बप्पा का पूजा पाठ करने का विधान है। कहते हैं कि गणपति बप्पा बुध्दि एवं शुभ के देवता हैं उन्हें विध्न हरता भी कहा जाता है एवं मान्यता है कि भगवान गणेश जी जहा विराजते हैं वहां सुख समृद्धि का वास हो जाता है आइए जानते हैं गणेश स्थापना एवं अन्य महत्त्वपूर्ण बातें।
गणेश स्थापना कब करें -Ganesh sthapana kaise kare
अगर आप अपने घर में मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित कर सकते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहां जाता है कि घर में गणपति की प्रतिमा स्थापित करके इनकी पूजा करने से, जीवन के सारे विध्न वाधाये दूर होती है साथ ही आपके संपूर्ण परिवार में शुभ मंगल होता हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पूजा विधि.
गणेश चतुर्थी पूजा विधि – ganesh chaturthi Pooja 2023
कोई भी पूजा पाठ करने से पहले पूजा सामग्री इकठ्ठा करना सबसे मुश्किल काम होता है। पूजा के लिए श्रद्धा भक्ति आत्मविश्वास के साथ मन लगाकर विधि विधान से पूजा करना चाहिए ऐसा करने से मन की सभी मुरादें पूरी होती है।
पूजा सामग्री – फूल, माला, गंगा जल, हल्दी,चावल, चन्दन सिन्दूर अगरबत्ती जनेऊ मिठाई दूवी लड्डू मोदक पीला या लाल कपड़ा आदि
गणेश चतुर्थी पूजा विधि जानें।
- गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर गणपति स्थापना से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें।
- फिर पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछा कर गणपति बप्पा को चौकी पर स्थापित करें।
- अब गणेश जी पर दूर्वा से गंगाजल छिड़कें। उन्हें हल्दी, चावल, चंदन, गुलाब, सिंदूर, मौली, दूर्वा,जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला और फूल अर्पित करें।
- अब गणपति बप्पा के साथ-साथ शिव जी और माता पार्वती की भी पूजा करें। फिर लड्डू या मोदक का भोग लगाएं और आरती करें।
- इसी तरह 10 दिन तक रोज सुबह शाम पूजा और आरती करें।
गणेश स्थापना एवं संकल्प विधि – Ganesh Chaturthi Sthapana
सबसे पहले आप एक पीतल या तांबे की जलहरी में जल भरकर ले आएं। जहां आपने पूजा के लिए मंडप बनायें है वहीं आसन बिछाकर बैठ जाएं। उसके बाद सबसे पहले हाथ में कुश और जल लें, फिर मंत्र बोलें –
ओम अपवित्र: पवित्रों वा सर्वावस्थां गतोअपी वा।
श्री गणेश मंत्र
य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:।।
फिर जल को अपने ऊपर और पूजा के लिए रखे सभी सामान पर इसे छिड़क दें। और तीन बार आचमन करें। हाथ में जल लें और ओम केशवाय नम: ओम नाराणाय नम: ओम माधवाय नम: ओम ह्रषीकेशाय नम:। ऐसे बोलते हुए तीन बार हाथ से जल लेकर मुंह से स्पर्श करें फिर हाथ धो लें। इसके बाद जहां गणेशजी की पूजा करनी हो उस स्थान पर कुछ अन्न चावल रखें। इसके ऊपर गणेशजी की प्रतिमा को विराजित करें।आसन पर बैठाने के बाद गणेश चतुर्थी व्रत (Ganesh Chaturthi Vrat) का संकल्प ले, संकल्प लेकर तब पूजा करें।
गणेश पूजन संकल्प लेने के लिए हाथ में पान सुपारी अक्षत फूल और ग्यारह रुपए आदि सामान लेकर फिर संकल्प मंत्र बोलें, गणेशजी को अपने आसन पर बैठाने के बाद सबसे पहले गणेश चतुर्थी व्रत पूजन का संकल्प लें। बिना संकल्प लिए पूजा न करें। गणेश पूजन संकल्प के लिए हाथ में फूल, फल, पान, सुपारी, अक्षत (अटूट चावल) चांदी का सिक्का या कुछ रुपया, मिठाई, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर हाथ में जल लें फिर संकल्प मंत्र बोलें.
निष्कर्ष – गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व आने वाले वाला है। यह हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है. मुख्यरुप से यह त्योहार भारत के कुछ मुख्य हिस्सो जैसे- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, आदि राज्यों मे अधिक मनाया जाता है। इस दिन सभी हिंदू भाई अपने घर मे भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते है एवंं 10 दिनो तक विधि-विधान से पूजा उपरांत गणेश जी के प्रतिमा को गंगा मे विसर्जित कर देते है।
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