Corruption Essay in Hindi: भ्रष्टाचार का अर्थ है, किसी भी सामाजिक कार्य को अव्यवस्थित ढंग से करना, समाज के अनुकूल कार्य करना, या ऐसे कार्य करना, जिससे समाज को नुकसान हो etc. भ्रष्टाचार को कई तरीको से प्ररिभाषित किया जा सकता है, लेकिन सामान्यत: मनुष्य के लिये भ्रष्टाचार का अर्थ “सरकारी कर्मचारियो से मांगी गई धनराशि से होता है, जिसका मूल्य शून्य होता हो।
इस लेख मे हम भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi) पढेंगे, ये निबंध कक्षा 3,4,5,6,7,8,9,10 तक के विद्यार्थीयो लिये है। भ्रष्टाचार को अग्रेजी मे करप्सन (Corruption) कहते है।
भ्रष्टाचार पर निबंध – Bhrashtachar par Nibandh
भ्रष्टाचार दो शब्दो से मिलकर बना है, भ्रष्ट + आचरण, अर्थात ऐसे कार्य करना जो किसी भी प्रकार से नैतिक व उचित न हो, ज्यादातर भ्रष्टाचार छोटे व बडे दोनो पैमाने पर किये जाते है, सामान्यत: भारत के लोग भ्रष्टाचार का अर्थ सरकारी कर्मचारियो से मांगी गई अवैध रक्म समझते है। लेकिन भ्रष्टाचार किसी विशेष क्षेत्र की उत्पत्ती नही है। यह हर क्षेत्र मे उपस्थिति है।
भ्रष्टाचार की शुरुआत: वैसे तो भ्रष्टाचार की शुरुआत आम आदमी को ही माना जाय तो गलत नही होगा, क्योकी ज्यादातर लोग अपना काम अव्यवस्थिति ढंग से जल्दी व पहले कराना चाहते है। इन्ही प्रक्रियायो से ही भ्रष्टाचार की उत्पत्ति होती है, कुछ लोग अपना काम जल्दी कराने के लिये, सरकारी कर्मचारी, बडे विद्यालय, होस्पिटल, अन्य सामाजिक संस्थानो, के छोटे व बडे कर्मचारी को पैसा देकर अपना काम जल्दी करवा लेते है, जो की पूर्णतया गलत है।
भ्रष्टाचार का कारण: भ्रष्टाचार का मुख्य कारण हमारा योगदान है। अगर हम छोटे पैमाने पर बात करे तो, ज्यादातर लोग अपना काम जल्दी कराने हेतु कर्मचारी को पैसे देते है, और कर्मचारी आप के काम को जल्दी कर देता है, ऐसे मे जिनका काम रुका हुआ है, वो भी पैसो का ही इस्तेमाल करने लगते है, धीरे-धीरे ये प्रक्रिया सामान्य हो जाती है, लेकिन इस प्रक्रिया मे गरीब व सामान्य वर्ग के लोगो को दिक्कत झेलना पड जाता है, क्योकी उनके पास ना तो पैसे है, ना ही किसी प्रकार पद या स्थान, सामान्य भाषा मे समझे तो भ्रष्टाचार का असर गरीबो व सामान्य लोगो पर अधिक दिखता है।
पढे- चिपको आंदोलन क्या है
भ्रष्टाचार को खत्म कैसे करे: भ्रष्टाचार बीमारी की तरह दिन प्रतिदिन बढता जा रहा, इसको खत्म करना आसान नही, लेकिन कुछ उपायो की सहायता से भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। इसका बदलाव स्वय से करना होगा जैसे- भ्रष्टाचार मे योगदान ना दे, भ्रष्टाचार पूर्ण कोई भी कार्य ना करे, भ्रष्टाचार के लेद-देन मे सहयोगी ना बने, भ्रष्टाचार लेने वाले कर्मचारियो, विद्यालयो, या सामाजिक संस्थानो की सूचना बडे अधिकारी को दे, भ्रष्टाचार लेन-देन करने वालो पर सामाजिक विरोध करे। इत्यादि – वर्षा ऋतु पर निबंध
भ्रष्टाचार रोकने का उपाय – How to Stop Corruption
- भ्रष्टाचार मे योगदान ना दे।
- भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियो का विरोध करे।
- भ्रष्टाचार पूर्ण संस्थानो या कर्मचारियो के विषय मे लोगो को बताये।
- भ्रष्टाचार पूर्ण संस्थानो या अन्य स्थानो के विषय मे उच्च अधिकारी को अवगत कराये।
- भ्रष्टाचार लेद-देन करने वाले लोगो व संस्थानो का सामाजिक विरोध करे ।
भ्रष्टाचार पर निबंध हिंदी मे – Bhrashtachar Par Nibandh Hindi
भ्रष्टाचार दो शब्दो से मिलकर बना है भ्रष्ट+आचरण, अर्थात ऐसे कार्य करना जो समाज के लिये अनैतिक हो या समाज के विकाश मे रुकावट लाता हो, ऐसे कार्यो को भ्रष्टाचार कहते है, लेकिन सिर्फ सरकारी कर्मचारियो को भ्रष्टाचारी मानना गलत है, भ्रष्टाचार की उपस्थिति हर क्षेत्र मे देखने को मिलती है, जो की पूर्णत: गलत है।
भ्रष्टाचार कैसे करते है: जब कोई काम करवाने हेतु, सरकारी दफ्तरो, बडी संस्थानो, सामाजिक कार्य करने वाले स्थानो पर जाता है, कार्य करने वाले कर्मचारी, ज्यादा पैसो की मांग करते है, जबकी वो कार्य निशुल्क या कम लागत का होता है। इसी प्रक्रिया को भ्रष्टाचार कहते है।
भ्रष्टाचार कैसे खत्म करे: भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये स्वय से बदलाव करना होगा, जब भी आप भ्रष्टाचार होते देखे, उसका विरोध करे, भ्रष्टाचार ना करे और ना करने दे, भ्रष्टाचार करने वाले संस्थानो या कर्मचारियो के बारे मे, समाज को बताये, भ्रष्टाचार जैसी क्रिया मे सहयोग ना करे, इत्यादि।
भ्रष्टाचार का समाज पर प्रभाव: भ्रष्टाचार की वजह से समाज पर बुरा प्रभाव पडा है, इसके कारण समाज के विकाश की गति धीमी हो गई है, सामान्य रुप से देखे तो भ्रष्टाचार का असर गरीबो व सामान्य वर्ग के लोगो पर अधिक पडा है। भ्रष्टाचार की वजह से पैसे वाले लोगो का काम जल्दी हो जाता है, और गरीब व सामान्य परिवार के लोगो का काम धीरे या होता ही नही है,
हम सब का नारा है
भ्रष्टाचार नारा
भ्रष्टाचार मिटाना है।
पढे- जल संरक्षण पर निबंध
इस लेख मे हमने भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi) पढा, जो की Corruption लेना पूर्णतया गलत है, इसके सुधार के लिये हमे आगे आना होगा, भ्रष्टाचार करने वाले लोगो का सामाजिक विरोध करना होगा, और हमे न तो भ्रष्टाचार करना है, ना ही करने से देना है, तभी समाज का विकाश सम्भव हो पायेगा, हमसे जुडे