व्हीटग्रास अंकुरित गेहू (छोटे पौधो) के पत्तीयों को कहाँ जाता है। जब गेहू के पौधे थोडे बडे हो जाते है, तब उनकी पत्तिया मुलायम होती है। जिसे व्हीटग्रास (Wheatgrass) यानी की ‘गेहू का घास’ कहा जाता है। इसकी तासीर ठण्डी होती है। इसलिये इसे गर्मी के दिनो मे पीना अधिक लाभदायक होता है।
भरतीय संस्कृति मे प्रकृत से प्राप्त भोजनो को अधिक महत्व दिया जाता है। जो हमे पोषक तत्वों से भरपूर्ण रखने के साथ-साथ अनेको बीमारियो से भी बचाते है। व्हीटग्रास उन्ही आयुर्वेदो मे से एक है। जिसके अनेको फायदे है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिये बेहद फायदेमंद है। आइये विस्तार से जाने (About Wheatgrass) ?
व्हीटग्रास क्या है ? what is wheatgrass in hindi
व्हीटग्रास गेहू के तनो (मूलायम पत्तिया) को कहा जाता है। जिसमे आयरन, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, मैग्नीशियम, एमिनो एसिड, क्लोरोफिल, विटामिन A, विटामिन B कॉम्प्लेक्स, विटामिन C, विटामिन E और विटामिन K तथा कैल्शियम जैसे अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर को स्वस्थ्य व तंदरुत बनाने मे बेहद कारगर है।
व्हीटग्रास (Wheatgrass) की तासीर ठण्डी होने के कारण इसका सेवन गर्मियों मे अधिक किया जाता है। यह हमारे शरीर के जरुरी तत्वो को पूरा करने मे मदद करता है। आप व्हीटग्रास का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं, लेकिन अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिये सेवन से पूर्व किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ, या डाक्टर से सलाह अवश्य ले।
व्हीटग्रास के फायदे – Benefits of Wheatgrass in Hindi
व्हीटग्रास में विटामिन A,B,C,K,E, प्रोटीन, कैल्सियम, मिनरल, फाइबर, आयरन, और एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के लिये बेहद जरुरी है।
इसके सेवन से आप प्रतिरोधक क्षमता व पाचन क्रिया को मजबूत कर सकते है। साथ ही यह कैंसर, मोटापा, सुजन, जैसे गम्भीर बीमारियो के खतरे को कम करता है। नीचे सारणी मे आप व्हीटग्रास के फायदे देखेंगे।
व्हीटग्रास के फायदे – Benefits of Wheatgrass in Hindi
- प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
- मोटापा की समस्या को दूर करता है।
- पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
- एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होता है।
- कैंसर के खतरे को कम करता है।
- शूजन को कम करता है।
- उच्च रक्त चाप को कम करने मे सहायक
Also Read :-
व्हीटग्रास के पौधे कैसे उगाये – How to grow Wheatgrass Plant at Home
व्हीटग्रास (Wheatgrass) उगाने के लिये सर्वप्रथम आपको गेहू की अच्छी किस्म की जैविक बीज ले लेनी है जो आपके क्षेत्र के मिट्टी के अनुसार उपजाउ हो और खाद की जरुरत पडने पर सिर्फ गोबर के खाद का इस्तेमाल करें। आइये व्हीटग्रास उगाने की विधि जानते है।
- अपने सुविधा अनुसार लगभग 50 से 100 ग्राम गेहूँ एक बर्तन में भिगो कर रख दें।
- मिटटी और खाद को अच्छी तरह मिलाकर गमलों मे रख दे और उसमे पानी छिड़क दें। ताकी नमी बनी रहे।
- अगले दिन भिगोये गेहुं को धोले और गमले मे डाल दे (ध्यान रहे अधिक घना ना हो) फिर ऊपर से थोड़ी मिट्टी डाल दें और पानी से सींच दें (अधिक पानी ना डाले)
- अब गमले को किसी छायादार स्थान जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो वहाँ रख दे।
- रोजाना गमलों में दो बार स्प्रे बोटल से पानी जरुर दे ताकि मिटटी में नमी बनी रहे। (अधिक पानी ना डाले)
- अब 1 सप्ताह या उससे अधिक के बाद यह सेवन के लिये तैयार है।
- एक रोटी मे कितनी कैलोरी होती है? | ek roti me kitni calorie hoti hai
- Left Eye Twitching: महिलाओं की बाईं आंख फड़कने से क्या होता है? लाभ या हानि
- Belly Fat:बेली फैट (पेट की चर्बी) कम करेनें के 10 उपाय | belly fat kaise kam kare
व्हीटग्रास के नुकसान – Side effects of wheatgrass Hindi
व्हीटग्रास भर ही नही बल्की किसी भी वस्तु का अधिक सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकरक हो सकता है। इसलिये किसी भी खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन करने से बचे, अगर आप आयुर्वेदिक उपचार की धारणा से किसी भी वस्तु का सेवन कर रहे है तो सबसे पहले उसे थोडी मात्रा मे प्रयोग करे। ताकी शरीर पर कोई गलत साइडैफेक्ट होने से बचा जा सके।
व्हीटग्रास के नुकसान
- व्हीटग्रास के अधिक सेवन से जी मिचला सकता है।
- अगर आप किसी दवा कर रहे है तो बिना डाक्टर परामर्श से सेवन ना करे।
- किसी-किसी को व्हीटग्रास से एलर्जी हो सकती है।
- गर्भवती महिलाये व्हीटग्रास का जूस पीने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य ले।
- व्हीटग्रास के अधिक सेवन से उल्टी व दस्त हो सकती है।