Bavasir ke liye Yogasan: बवासीर एक गम्भीर बीमरियो मे से एक है। चुकी यह शरीर के मल मार्ग मे होता है इसलिये अधिकतर लोग इसकी बात नही करते है आज हम इस लेख मे बवासीर के लक्षण और कारण जानेने। साथ ही हम देखेंगे की योगा के माध्यम से इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
योगा के माध्यम से आप अनेको बीमारियों से निजाद पा सकते है। बस आपको योगा करने की प्रक्रिया मालूम होनी चाहिये, आपको बता दू, योगा, आसन व मुद्रा तीनो अलग-अलग होते है. लेकिन इन्हे समान्यत: योगा की ही उपाधि दी जाती है।
बवासीर के लिये योगासन – Bavasir ke liye Yogasan
बवासीर से निजाद पाने के लिये हमने 5 योगासनो को विस्तार से बताया है। आप नीचे दिये योगासनो को अपना कर बवासीर से आजादी पा सकते है। ध्यान रहे योगासन के साथ-साथ आपको अपने खान-पीन व दिनचर्या पर भी ध्यान देना होगा। तभी आपको अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
- पवनमुक्तासन
- सर्वागासन
- मलासन
- बलासन
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन का अर्थ हवा (गैस) छोडने से है यह मुद्रा पेट और आंतों में फंसी अतिरिक्त हवा या गैस को बाहर निकालने में मदद करती है।और पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। जिससे हमे कई बीमारियों से राहत मिलती है।
पवनमुक्तासन हमारे शरीर के लिये मानसिक व शारीरिक दोनो रुपों से लाभकारी होता है। यह पेट, जांघ, गर्दन, पैर की उंगलियों आदि को मजबूत बनाता है। और शरीर को स्वस्थ व तंदरुस्त बनाता है।
सर्वागासन
सर्वागासन का अर्थ है सम्पूर्ण शरीर का आसन से है, अर्थात ऐसा आसन जो पूरे शरीर के अंगो के लिये लाभदायक हो। इस योग प्रक्रिया मे पूरे शरीर को कंधे की सपोर्ट से उपर की ओर उठाया जाता है। जैसा की आप चित्र मे देख सकते है। यह योग बवासीर से पीडीत लोगो के लिये बेहद फायदेमंद होता है।
सर्वागासन के अन्य फायदे
- कंधा और गर्दन को मजबूत बनाता है।
- हाथ, पैर, और रीढ की हड्डी को भी मजबूत बनाता है।
- मस्तिष्क मे खून की सप्लाई सही करता है।
- कब्ज से राहत देता है।
- वबासीर से निजाद दिलाता है।
- हाईट बढाने मे मददगार है।
मलासन
मलासन का अर्थ मल + आसन से है। अर्थात मल के द्वार के लिये आसन, मलासन करने की प्रक्रिया आप नीचे दिये गये वीडियो के अनुसार कर सकते है। मलासन की अधिक जानकारी प्राप्त करे ।
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बलासन
बलासन वबासीर के रोगियों के लिये बेहद फायदेमद है। इसे आप नीचे दिये गये चित्र के अनुसार कर सकते है
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन सबसे महत्वपूर्ण व लाभकारी आसनो मे से एक है यह आसन पेट के सभी अंग जैसे – किडनी, यकृत ,अग्न्याशय आदि को प्रभावित होते है। इसे आप नीचे दिये गये चित्र के अनुसार कर सकते है
बवासीर का कारण
- पेट मे कब्ज का होना
- अधिक मोटापा
- परिवार मे किसी को पहले से हो
- ज्यादा खडे रहने के कारण
- अधिक वजन उठने के कारण- अधिक जाने
चेतावनी ÷ बवासीर गम्भीर बीमरियो मे से एक है इसलिये समय रहते इसका इलाज कराना बेहद जरुरी होता है बिना डाक्टटरकी सलाह के किसी भी दवा का सेवन ना करे। लेख मे बताये गये योगासनो से अगर आप को दिक्कत महसूस हो तो इसे ना करे।