बजरंग बाण (Bajrang Baan) या हनुमान बाण, बजरंगबली का स्तुति मंत्र या पाठ है। इस चालीसा को गाने वाले मनुष्य का जीवन सुख व समृध्द से भर जाता है। बजरंग बाण (हनुमान बाण) चालीसा या पाठ, हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान महाबीर जी का है। यह पाठ हनुमान जी से अपने कार्य को सफल सिध्द करने के लिये गाया जाता है। आइये पूरे सच्चे मन व श्रध्दा के साथ भगवान महावीर की अर्राधना करते है। (bajrang baan lyrics in hindi)
बजरंग बाण ( Bajarang Baan) का प्रथम दोहा “निश्चय प्रेम प्रतीति तॆ, बिनय करै सनमान । तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करै हनुमान” है। इस दोहे से भक्त बजरंगबली से अपने कार्य को सफल सिध्द करने की प्रार्थना कर रहा।
बजरंग बाण (Bajarang Baan)
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति तॆ, बिनय करै सनमान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करै हनुमान ॥
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
जन के काज बिलंब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा । सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥
आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गी सुरलोका ॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा । सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥
बाग उजारि सिंधु महं बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ॥
अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ॥
लाह समान लंक जरि गी । जय जय धुनि सुरपुर नभ भी ॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी । कृपा करहु उर अंतरयामी ॥
जय जय लखन प्रान के दाता । आतुर ह्वै दुख करहु निपाता ॥
जै हनुमान जयति बल-सागर । सुर-समूह-समरथ भट-नागर ॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा ॥
जय अंजनि कुमार बलवंता । शंकरसुवन बीर हनुमंता ॥
बदन कराल काल-कुल-घालक । राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर । अगिन बेताल काल मारी मर ॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै । राम दूत धरु मारु धाइ कै ॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा । दुख पावत जन केहि अपराधा ॥
पूजा जप तप नेम अचारा । नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीम् । तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीम् ॥
जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी सपथ बिलंब न लावौ ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा । सुमिरत होय दुसह दुख नासा ॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौम् । यहि औसर अब केहि गोहरावौम् ॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई । पायं परौं, कर जोरि मनाई ॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल । ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल ॥
अपने जन को तुरत उबारौ । सुमिरत होय आनंद हमारौ ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै । ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ॥
पाठ करै बजरंग-बाण की । हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥
यह बजरंग बाण जो जापैम् । तासों भूत-प्रेत सब कापैम् ॥
धूप देय जो जपै हमेसा । ताके तन नहिं रहै कलेसा ॥
दोहा
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान ॥
Bajarang Baan
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बजरंग बाण अंग्रेजी मे – Bajarang Baan in English
दोहा (Doha )
Nishchay prem prateet te, Vinay kare sanaman
Tehi ke karaj sakal subh, sidhd kare hanuman
चौपाई (Chaupai)
Jay hanumant sant Hitakari, sun lijai prabhu araj hamarai
Jan ke kaj vilambh n kijai, aatur daur maha sukh kijai
jaise kudi sindh mahipara, suarasa badan paithi bistara
aage jaay lankini roka, marehu lat gi suraloka
jaay vibheeshan so sukh dinha, seeta nirakhi paramapad linha
bag ujari sindhu mahan bora, ati aatur jamakatar tora
Akshay kumari mari sanhara, loom lapeti lank ko jara
laah saman lank jari gi, jay jay dhuni surpur nabh bhi
ab vilamn kehi karan swami, kripa karahu ur antarayami
jay jay lakhan pran data, aatur haiv dukh karahu nipata
om hn hn hn hanumant kapisa, om hun hun hun hanu ari uar seesa
jay anjani kumar balavanta, shankar suvan veer hanumanta
jai hanuman jayati bal sagar, sur samuh samarath bhat nagar
om hanu hanu hanu hanumant hathile, bairahi maru bajr ki kile
badan karal kaal kul ghalak, ram sahay sada pratipalak
bhoot pret pisach nisachar, agin betal kal maree mar
inhe maru tohi sapath ram ki, rakhu nath marajad nam ki
saty hohu hari sapath pai kai, ram dut dharu maru dhai ke
jay jay jay hanumant agadha, dukh pavat jan kehi aparadha’
poojaa jap tam nem achara, nahi janat kachhu das tumhara
ban upavan mag giri grih mahim, tumhare bal hau darpat nahim
jankasuta hari das kahavai, taki sapath vilamb n lavai
jai jai jai dhanu hot akasa, sumirat hoy dusah dukh nasa
charan pakari kar jori manavaim, yahi ausar ab kehi goharavaim
uthu uthu chalu tohi ram duhai, paayn parau kar jori manai
om chn chn chn chn chapal chalanta, om hanu hanu hanu hanu hanumanta
om hn hn hank det kapi chanchal, om sn sn sahami parane khal dal
apane jan ko turat ubare, sumirat hoy aanand hamare
yah bajarang baan jehi marai, tahi kahau fir kavan ubarai
path karai bajarang ban ki, hanumat raksha karai pran ki
yah bajarang jo japaim, tasau bhoot pret sab kapau
dhoop dey jo japai hamesha, take tani nahi rahi kalesha
दोहा (Doha )
ur pratit drin saran hai, path karai dhari dhyan
badha sab har karai sab kam safal hanuman
(Bajarang Baan _
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