arya samaj ke 10 niyam: हमारा भारत देश विविधताओ का देश है यहाँ अनेको प्रकार के धर्म, समाज एवं समुदाय पाये जाते है तथा सभी धर्मों व समाजो का अपना अलग-अलग नियम है जिसका वो पालन कर गरीमापूर्ण जीवन व्यतीत करते है।
आज हम इस लेख मे आर्य समाज के 10 नियम (arya samaj ke 10 niyam) जानेंगे, जिसकी स्थापना सन् 1875 ई0 मे दयानंद सरस्वती द्वारा की गई थी. इन्ही 10 नियमो का पालन कर आर्य समाज अपने धार्मिक आचरण को पूरा करता है।
आर्य समाज के 10 नियम – arya samaj ke 10 niyam
आर्य समाज के 10 नियम (arya samaj ke 10 niyam) निम्नलिखित है।
- सत्य के स्वीकार करे और असत्य को त्यागे
- जगत के सभी कार्य धर्मानुसार होने चाहिए, अर्थात् सत्य और असत्य को परख कर कार्य करना चाहिए
- ईश्वर जो निराकार, सर्वशक्तिमान, सच्चिदानन्दस्वरूप, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनंत, सर्वव्यापी, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, वह उपासना (पूजने) योग्य है।
- सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
- वेद एक यथार्थ पुस्तक है। इसे पढ़ना और सुनना आर्य समाज का परम धर्म है।
- केवल अपने ही उन्नति से संतुष्ट न रहे बल्कि सभी के उन्नति में अपनी उन्नति समझे।
- ज्ञान का विकाश एवं अज्ञान का विनाश करना चाहिए
- आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य, सम्पूर्ण संसार का उपकार (भलाई) करना है।
- सभी से प्यार व धर्म के अनुसार और यथायोग्य वर्तना चाहिये।
- सभी मनुष्यों को सामाज के हित के नियमो मे बंधे रहना चाहिए एवं समाज के लिये प्रत्येक हितकारी नियम में स्वतंत्र रहना चाहिए।
संदर्भ – विकिपीडिया – आर्य समाज के दस नियम
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आर्य समाज से जुड़े तथ्य – arya samaj ki jankari
संस्थापक | दयानंद सरस्वती |
स्थापना वर्ष | 10 अप्रैल 1875 |
अधिकारिक भाषा | हिंदी |
उद्देश्य | समाज सुधार, धार्मिक शिक्षा, आदि |
मंत्र/ उद्देश्य | कृण्वन्तो विश्वमार्यम् |
आर्य समाज का समाज मे योगदान
- पूरी दुनिया में लगभग 10000 से अधिक आर्य समाज मंदिर हैं।
- आर्य समाज द्वारा लगभग 2500 विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय आदि का संचालन किया जाता है।
- आर्य समाज द्वारा लगभग 400 गुरुकुलों का संचालन किया जाता है।
- आर्य समाज द्वारा लगभग 20000 से अधिक अनाथालयो का संचालन किया जाता है।
- मानव जाति की सेवा के लिए आर्य समाज द्वारा लगभग 1500 अस्पताल एवं औषधालयो का संचालन किया जाता है।
- आर्य समाज द्वारा लाखों आदिवासियों की शिक्षा के लिए विद्यालयों का संचालन किया जाता है।
- आर्य समाज द्वारा पूरे देश में अनेक गौशालाओं का संचालन किया जाता है।
- वर्तमान समय में आर्य समाज विश्व के 32 से अधिक देशों में संचालित है।
आज हमने इस लेख में दयानंद सरस्वती द्वारा सन् 1875 में स्थापित आर्य समाज के 10 नियमों (arya samaj ke 10 niyam) को जाना। ये नियम आर्य समाज को उनके धार्मिक आचरण को पूरा करने में मदद करते हैं आर्य समाज के इन नियमों के द्वारा हमें एक मजबूत धार्मिक और सामाजिक मान्यता के नियमो का अनुभव प्राप्त हुआ। ये नियम विचारशीलता, सम्मान, समानता, ऐकता, सत्यता और सामाजिक सुधार आदि के माध्यम से एक सहज जीवन जीने की प्रेरणा देता है।