उसने कहा था कहानी (Usne Kaha Tha Kahani) के लेखक चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ जी है। जो की हिंदी के साहित्यकार, निबंधकार व व्यंगकारो मे से एक है। इनका जन्म राजस्थान के जयपुर जिले मे हुआ था।
चंद्रधर शर्मा जी का जन्म एक हिंदू ब्राम्हण परिवार मे हुआ था, जिससे कारण इन्हे बचपन से ही संस्कृत व हिंदी भाषा का ज्ञान हो गया, साथ ही इन्होने हिंदू धार्मिक ग्रंथो जैसे- वेद, पुराण व गीता का भी अध्ययन किया। आइये इस लेख मे हम चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ जी द्वारा लिखित “उसने कहा था” कहानी (Usne Kaha Tha Kahani)को पढते है।
उसने कहा था कहानी (Usne Kaha Tha Kahani)
कहानी का नाम | उसने कहा था |
लेखक | चन्द्रधर शर्मा गुलेरी |
भाषा | हिंदी |
कैटेगरी | कहानी |
पब्लिस | ? |
कहानी पढने, लिखने या सूनने की शुरुआत तो मानव सभ्यता के विकास हे ही शुरु होती है। भारतीय परम्परा मे इसे कहानी, किस्से, वार्ता, गल्प जैसे कई नामो से जान जाता है। भारत के गांवो मे अब भी दादा-दादी अपने बच्चो को कहानिया सुनाते है। जो की बेहद रोचक होती है। आज हम भी कुछ ऐसी कहानिया पढने वाले है।
‘उसने कहा था’ कहानी (Usne Kaha Tha Kahani PDF)
उसने कहा था पुस्तक का थोडा अंश
उसने कहा था कहानी मे चंद्रशर्मा जी ने प्रेम प्रस्ताव को व्यक्त किया है। जो की अमृतसर के एक बाजार मे लडका व लडकी का मिलना व बिछडना, 12 वर्ष का लडका व 8 वर्ष की लडकी, दोनो का अमृतसर बाजार मे परिचय होता है। और लडका पुछता है।
“तेरा घर कहाँ है ?”
“मगरे मे, और तेरा ?”
“मांझे मे, यहा कहा रहती है ?”
“अमृतसर के बैठक मे, वहाँ मेरे मामा होते हैं.”
“मै भी मामा के यहा हू, उनका घर गुरुबाजार मे है .” (इसके आगे की कहानी उप्पर दिये गये PDF से पढे)
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उसने कहा था, कहानी के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेर के विषय मे
चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी ने 20वी शताब्दी के प्रारम्भ से लिखना शुरु किया था। इन्होने देशभक्ति व समाज के लिये कई कहानिया, कविताये व निबंध लिखे है। इनकी प्रमुख कहानी (सुखमय जीवन -1911, उसने कहा था – 1915, और बुध्दू का काटा – 1914) है। और प्रमुख कविता (स्वागत, भारत की जय, झुकी कमान) है।
चंद्रधर गुलेरी जी एक निबंधकार, उपन्यासकार, पत्रकार और एक कवि थे। इन्हे आधुनिक समाज, राजनीति व धार्मिक विषयो पर अधिक लगाव था। जिसके परिणाम स्वरुप इन्होने समाज की कई महत्वपूर्ण बाते अपनी लेखनी मे वर्णित किया है।