वज्रासन कैसे करे ? विधि, प्रकार और महत्व जाने | Vajrasana Kaise Karte Hai

वज्रासन (Vajrasana) एक आसन है। जिसका अर्थ मजबूत या कठोर आसन से है। इसके अभ्यास से शरीर को अनेको प्रकार के फायदे जैसे- पैर मजबूत, पाचन क्रिया दुरुस्त आदि होता है।

वज्रासन आसन का एक स्वरुप है। आपको बता दू योग या आसान शरीर को मोडना या कठिन परिश्रम करना नही है, बल्की यह एक साधना का स्वरुप है। जिसके अभ्यास से व्यक्ति अपने शरीर व मस्तिष्क को संतुलित करके, जीवन के उचाई तक पहुच ज सकता है। नमस्कार पाठको ! हम इस लेख मे वज्रासन करने की विधि, वज्रासन का महत्व, और वज्रासन के फायदे व नुकसान जानेंगे।

Vajrasana

आपको बता दू पूरे विश्व को योग सीखाने वाला देश कोई अन्य नही बल्की अपना देश भारत है। आज पूरे विश्व मे भारतीय संस्कृत जैसे- योग, अध्यात्म, खान-पीन, आस्था आदि को मानने की होड लगी हुई है। इस आधुनिक युग मे योग इतना विकसित हो गया है की सम्पूर्ण जहान योग आसन को जानता है और अपने दैनिक जीवन मे प्रयोग भी करता है।

वज्रासन क्या है ? (What is Vajrasana)

वज्र का अर्थ मजबूती से है। इसलिये वज्रासन को हम मजबूती आसन भी कह सकते है। इसके अभ्यास से पाचन क्रिया और पैरों की जांघें मजबूत होती है तथा यह रक्त संचार बढाने मे भी मदद करता है। मुख्यरुप से यह आसन भोजन के पश्चात किया जाता है।

भोजन करने के बाद वज्रासन आसन (Vajrasana Asan) में बैठना से भोजन अच्छे तरीके से पचता है। तथा इस आसन मे बैठने से पैरो की मांसपेशियों भी मजबूत होती है।

वज्रासन कैसे करे ? (How to do Vajrasana)

वज्रासन ही एक ऐसा आसन है जो भोजन के बाद किया जाता है। वज्रासन या कोई अन्य आसन करने के लिये आपको साफ व स्वच्छ वातावरण मे बैठना चाहिये, तथा शांती का विशेष ख्याल रखे ।

वज्रसन करने की विधि

वज्रासन करने के लिये आपको दोनों घुटनो को सामने से मिलाना होगा तथा पैर की एड़ियाँ बाहर की और पंजे अन्दर की ओंर होंना चाहिये। तथा दोनों हाथ घुटनों के ऊपर रखे। जैसा की चित्र मे दिखाया गया है ।

  • सबसे पहले घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठ जाये।
  • दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिला ले और एड़ियों में थोड़ी दूरी रखे ।
  • अब शरीर को हल्का करे और शरीर को पैरो के सहारे छोड दे।
  • अब दोनों हाथों को जांघों पर रखें, और कमर सीधी रखे तथा लम्बी सांस ले।

वज्रासन के लाभ – Benefits of Vajrasana

वज्रासन करने से शरीर मजबूत, स्थिर व संतुलित होता है। इससे रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। तथा यह रक्त संचार, पाचन क्रिया, टांगो की मांसपेशिया आदि को मजबूत बनाता है वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है जिसे भोजन करने के पश्चात किया जाता है।

Vajrasana के लाभ

  • वज्रासन करने से कमर, पैर, रीढ की हड्डी आदि मजबूत होती है।
  • इसके रोजाना अभ्यास से उच्च रक्तचाप कम होता है।
  • वज्रासन पाचन शक्ति को बढाता है और प्रजनन प्रणाली को भी सशक्त करता है।
  • यह वजन कम करने में भी मददगार है।
  • वज्रासन अपच, गैस, कब्ज इत्यादि विकारों को दूर करता है।
  • यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत व स्वस्थ्य बनाता है।
  • वज्रासन टांगों के बेहद जरुरी होता है यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • वज्रासन महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को भी दूर करने मे सहायक है

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वज्रासन करने के लिये सावधानिया

वज्रासन (Vajrasana) पूर्ण रुप से हमारे शरीर के लिये फायदेमंद होता है। लेकिन शरीर के कुछ विशेष परिस्थितियो मे इस आसन को करना ठीक नही, नीचे सारणी मे हम वज्रासन की सावधानियों के विषय मे चर्चा की है।

  • घुटनों में दर्द होने की स्थिति में वज्रासन ना करें।
  • अगर आप किसी भी प्रकार की दवा का सेवन कर रहे है तो डाक्टर की सलाह अवश्य ले।
  • यह भोजन के दाब किये जाने वाले आसनों मे से एक है, इसलिये अधिक भोजन करके इसे ना करे।
  • वज्रासन साफ, शुध्द व शांत वातारण मे ही करे।

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