तुम्हारे साथ हो वही रहा है जो तुमने तय किया है
अगर अपने मर्जी से ही चल रहे हो तो, रुक कर दिखाओ
आज मौका है जग जाओ, नही तो एक दिन ऐसा अयेगा ,
जब आप चाह कर भी नही जग पायेंगे।
हार हो जाये कोइ बात नही हौशला नही टूटना चाहिये
एक जिंदगी है दबे-दबे जीने मे क्या मजा है
देने वाला तो दे ही रहा है जिन्हे न मिल रहा हो वो पुछे ,मेरी नियत है क्या
देने वाला तो दे ही रहा है जिन्हे न मिल रहा हो वो पुछे ,मेरी नियत है क्या
किसको तुम ना कहते हो किसको तुम हा कहते हो इसी से तुम्हारी जिंदगी तय होती है
किसको तुम ना कहते हो किसको तुम हा कहते हो इसी से तुम्हारी जिंदगी तय होती है
कुछ सफर ऐशे होते है जिनमे सिर्फ रास्ता ही हमसफर हो सकता है
उम्मिद छोडो काबिलियत बढाओ
उम्मिद छोडो
काबिलियत बढाओ
सही काम चुनिये और
डूब के करिये
आचार्य प्रशांत के सुविचार
आचार्य प्रशांत के सुविचार
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