क्या आप ब्रह्मचर्य के महत्व के बारे में जानना चाहते हैं? बुद्धि और वाणी को शुद्ध रखने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत आवश्यक है। आयुर्वेद भी यही मानता है कि यदि कोई व्यक्ति दो महीने के लिए भी ब्रह्मचर्य का पालन करता है, तो वह अपने मानसिक, वाचिक और शारीरिक बल में स्पष्ट परिवर्तन महसूस कर सकता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है.
सफलता प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचर्य का जीवन मे होना बहुत जरुरी है ? भगवान महावीर के अनुसार ” वीर्य रक्षण एक शाश्वत धर्म है, ब्रह्मचर्य , जीवन के निर्माण आधार है। जो व्यक्ति पूरे लगन से ब्रह्मचर्य का पालन करता है , वह पूज्योँ का पूज्य बन जाता है ब्रह्मचारी लोग औरो के तुलना मे ज्यादा जिंदगी जीते है।
ब्रह्मचारी का शरीर स्वस्थ रहता है, उसका मन प्रसन्न रहता है और उनकी बुद्धि भी स्वच्छ एंव पवित्र रहती है। इसलिए बाइबिल मेँ भी एक नही , अनेक स्थानोँ पर व्याभिचार, विषय-वासना और विलासिता को बार बार बताया गया है ब्रह्मचर्य पालन से आत्मबल बढ़ता है।
ब्रम्हचर्य का महत्व – brahmacharya Ka Mahatv
ब्रह्मचर्य के अनगिनत महत्व है, जो मनुष्य ब्रम्हचर्य का पालन करता है, वो शारिरीक व मानसिक दोनो रुपो से मजबूत होता है, ब्रह्मचर्य के पालन से शरीर स्वस्थ व तंदरुस्त बनता है।
ब्रह्मचर्य तीन प्रकार से होते हैं।1.शारीरिक ब्रह्मचर्य 2. मानसिक ब्रम्हचर्य 3. वाचिक ब्रह्मचर्य। वाचिक ब्रह्मचर्य वासना सम्बंधित चर्चा, वासना उत्पन्न करने वाली दृश्य, इन्टरनेट पर ग़लत तस्वीरें एवं टी बी पर प्रेम सम्बंधित सीरियल देखना और कुछ ग़लत किताबों का पढ़ना इत्यादि का बिल्कुल त्याग कर देना है।
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ब्रम्हचर्य के फायदे – brahmacharya ke fayde
- ब्रम्हचारी मनुष्य का मन नियंत्रण में रहता है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से देह निरोगी रहता है
- ब्रह्मचर्य का पालन करने से मनोबल बढ़ता है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से रोग प्रतिरोधक शक्ति बढती है
- ब्रह्मचारी मनुष्य का एकाग्रता और ग्रहण करने की क्षमता बढ़ता है
- ब्रह्मचर्य पालन करने वाला व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरा कर सकता है
- ब्रह्मचारी मनुष्य हर परिस्थिति में भी स्थिर रहकर उसका सामना कर सकता है
- ब्रम्हचर्य के पालन से शारीरिक क्षमता , मानसिक बल , बौद्धिक क्षमता और दृढ़ता बढ़ती है
- ब्रम्हचर्य के पालन से पुण्य कर्म बंधते है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से चित्त एकदम शुद्ध हो जाता है
- ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला व्यक्ति मन, बुद्धि और वाणी की शक्ति को
- अपने तरीके से उपयोग करने मे सक्षम होता है
- ब्रम्हचर्य के पालन से आत्मवीर्य बढ़ता है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से क्रोध,छल- कपट ,लालच धीरे धीरे कम होने लगते है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से सभी दिशाओं से प्रगति के रास्ते खुल जाते है
- ब्रम्हचर्य का पालन करके केवल ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है
- ब्रम्हचर्य का पालन करने से आंतरिक इच्छाए संसारिक चीजों की तरफ नहीं जाती है
- ब्रम्हचर्य का पालन करते है ,उन्हें असीम आनंद की अनुभूति होती है
उपर बताये गये ब्रह्मचर्य के नियम को अपने दिनचर्या मे उतारे, इसके मात्र 2 महीने के अभ्यास से जीवन मे अद्भुद तरीके से बदलाव देखने को मिलेगा, ब्र्ह्मचर्य ही जीवन है।
ब्रह्मचर्य किस उम्र मे करना चाहिये ?
ब्रह्मचर्य का पालन केवल किसी विशेष उम्र के लिए नहीं है। आजकल सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर छोटे बच्चे भी ऐसी हरकतें कर रहे हैं जो देखकर विश्वास करना मुश्किल होता है। इसका मतलब यह है कि ब्रह्मचर्य का महत्व हर उम्र में समझना और अपनाना चाहिए।
अगर आप एक पेरेंट हैं, तो अपने बच्चों को जल्दी से जल्दी बताएं कि ब्रह्मचर्य क्या होता है, इसके फायदे क्या हैं, और इसे किसी भी उम्र में अपनाया जा सकता है, लेकिन 13 से 30 साल की उम्र वाले इसे जरूर अपनाएं। तो आइए जानते हैं।
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ब्रह्मचर्य जीवन मे क्या न करे
अगर आप ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो इन कारणों को खुद से दूर करें। मुख्य कारण यह है कि अधिक मोबाइल का उपयोग न करें, मांस और मदिरा का सेवन न करें। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करें।
- मांस ,मदिरा के सेवन से बचे
- आकर्षण में उलझ कर व्यर्थ में समय और शरीर नष्ट नहीं करना चाहिए।
- शरीर को साफ और पवित्र रखे / पूरी नीद ले
- अश्लील विडीयो देखने से बचे
- मोबाइल को कम प्रयोग करे
- अपने इंद्रियो पे सयम रखे
- कोशिस करे जैसे आप है वैसे दोस्त रखे ना मिले तो ना रखे
- अपने एक ही गलती को बार बार ना दुहराये
- ज्यादा कसे कपडे पहनने से बचे जितना हो सके उतना धिले कपडे पहने
- अपना कर्तव्य समझकर अपने कार्य करने चाहिए
- संसार की तरफ ज्यादा आकर्षित कभी भी नहीं होना चाहिए
- ज्यादा फैशन नही करना चाहिये नार्मल कपडे पहने
- स्त्री और पुरुष को कभी भी एकांत में नहीं रहना चाहिए।
- अपोजिट जेंडर से मित्रता नहीं करनी चाहिए।
ब्रम्हचारी के लिए भोजन
एक ब्रह्मचारी को सामान्य भोजन करना चाहिए। मांस, मदिरा, और बीयर के सेवन से बचना चाहिए। बाहर का खाना कम से कम खाएं और भोजन को आराम से चबाकर खाएं। अत्यधिक मसालेदार और नमक वाले खाद्य पदार्थों से बचें, और अधिक गर्म चीज़ें जैसे लहसुन, प्याज आदि का सेवन ना करें।
ब्रम्हचर्य पालन का कैसे करे
ब्रह्मचर्य को पालन करने का सबसे आसान तरीका यह है की खुद को अच्छे कामो मे व्यस्त रखो, साथ ही बताये गये नियमो का पालन करो, आप जल्द ही ब्रह्मचर्य का पालन करने सक्षम होगे.
- रोज ईश्वर का ध्यान करना चाहिए
- मोह – माया से दूर रहे
- योग और ध्यान करना चाहिये
- मन को शांत रखे मन को शांत कैसे रखे
- महीने में कम से कम 1 दिन उपवास जरूर करना चाहिए।
- दिनचर्या बनाये और उसको पूर्णतया लगू करे
- रात को जल्दी सोना है और सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए
- मन को विचलित ना होने दे
- तुलना करने से बचे
- लोगो की सेवा करे,जिससे आप को ज्यादा खुशी मिल सके
ब्रह्मचर्य के फायदे और नुकसान
ब्रह्मचर्य के फायदे ही फायदे हैं। इसके पालन से आप अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। ब्रह्मचर्य का सिर्फ दो महीने तक सही तरीके से पालन करने पर आपको खुद में सकारात्मक बदलाव दिखने लगेगा।
ब्रह्मचर्य का एकमात्र “नुकसान” यह है कि आपको मोह-माया से दूर होना पड़ेगा। इस दुनिया से थोड़ी दूरी बनानी होगी, और मोबाइल, टीवी आदि वस्तुओं से कम लगाव रखना होगा। यह संभवतः एक कठिनाई हो सकती है, लेकिन इसी कारण आप अपनी जिंदगी में महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
Thanks🌹🙏 jai hind jai bharat radhe radhe 🙏🙏 sarve bhavantu shukhina
धन्यवाद, अन्य लेख अवश्य पढे, उम्मिद है आप के लाभप्रद हो
Aap ek scha aur bda nek kam kar rahe hai apki tarif sabdo se bya nahi ki ja sakti Thank you
धन्यवाद मित्र 🙂 आपका सहयोग ही हमारे लिये बहुत है।
बहुत बढ़िया है