अगरबत्ती का सुगंध किस प्रकार हानिकारक हैं विस्ता से जानें
हिंदू संस्कृति मे पूजा-पाठ को अधिक महत्व दिया जाता हैं, इसके पीछे कई धार्मिक व वैंज्ञानिक कारण है, लेकिन कभी आप ने सोचा है की हिंदू धार्मिक ग्रंथो मे अगरबत्ती शब्द का इस्तेमाल क्यू नही किया गया। हर जगह आप को धूप अगरबत्ती का उल्लेख मिलेगा। इसके पीछे भी धार्मिक व वैज्ञानिक कारण छूपा है।
हमारे हिंदू धर्म मे अधिकतर मान्यतायें सत्य होती है। जिनका पालन वैज्ञानिक भी करते है। जैसे- हिंदू धर्म मे पीपल को पवित्र वृक्ष माना जाता है इनमे देवी-देवता का वास होता हैं। और वैंज्ञानिको के अनुसार पीपल सबसे अधिक आक्सीजन देने वाला वृक्ष है। तथा इसके तने-पत्ते व जड कई बीमारियोंं को जड से खत्म करने मे सहायक है।
अगरबत्ती का निर्माण
अगरबत्ती का निर्माण बांस के पौधें से किया जाता हैं जिसका इस्तेमाल करना हिंदू धर्म मे वर्जित है। यहाँ भी आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दोनों कारण है, आइये इस लेख मे हम वैज्ञानिक व आध्यात्मिक दोनो कारणो पर विचार करें। आखिर क्यू बांंस का पौधा नही जलाना चाहिये।
आध्यात्मिक कारण
हम अक्सर घरों मे होने वाले पूजा-पाठ, हवन, इत्यादि शुभ कार्यों मे देखते है। बांस की लकडी का उपयोग करना वर्जित माना जाता है। पण्डित जी हवन के लिये सिर्फ आम की लकडी उपयोग करते है। क्योकी हिंदू धर्म के परम्परा के अनुसार बांस के लकडी का उपयोग करना वर्जित है। इसके उपयोग से पितृ दोष लगता है।
आप ने देखा होगा की मृत शरीर ले जाने के लिये (अर्थी) मे बांस का उपयोग किया जाता है, लेकिन उसे जलाया नही जाता। क्योकिं बांस को जलाना हमारे धर्म मे वर्जित है।
एक बच्चे के जन्म के पश्चात मां से जुडी नस को (जो माता और शिशु को जोडे रखती है) बांंस के पौधों के बीच मे गाडा जाता है। ताकि वंश सदैव बढता रहे।
वैंज्ञानिक कारण
वैंज्ञानिको अनुसार बांस के पौधें मे लेड और हेवी मेटल पाये जाते है। जिसे जलाने से लेड आक्साइड गैस निकलती है। जो की खतरनाक नीरो टाक्सिक होता है। जो की सेहत के लिये बहुत ही हानिकारक होता है।
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अगरबत्ती का सुगंध हानिकारक क्यों हैं ?
कृपया ध्यान दे- जिस बांस के लकडी को जलाना हिंदू धर्म मे वर्जित है, उस बांस के लकडी से बने अगरबत्ती का इस्तेमाल करना, पूर्ण रुप से गलत है। हमें पता है की बांस के लकडी को चिता तक मे जलाना वर्जित है, फिर भी हम बांस के लकडी से बने अगरबत्ती को रोजाना जलाते है। और इसके सुगंध से खुद के शरीर पर नुकसान पहुचाते है।
अगरबत्ती के जलाने से उत्पन्न सुगंध के प्रसार के लिये फेथलेट केमिकल का प्रयोग किया जाता है। जो स्वांंस के माध्यम से हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाता है। जिसके कारण हमे मे कैंसर, मष्तिक आघात इत्यादि प्रकार के बीमारियों को झेलना पड सकता है।
पूजा मे क्या उपयोग करें
पूजा मे आप धूप अगरबत्ती का इस्तेमाल कर सकते है। हमारे शास्त्रो मे पूजा के विधि मे धूप अगरबत्ती का वर्णन किया गया है। अगर आप ने धार्मिक ग्रंथ पढा हो तो, वहाँ अगरबत्ती शब्द का उपयोग ना करके, धूप अगरबत्ती, दीप, नैवेद्य का उल्लेख किया गया है।
आप को जानकर हैरानी होगी की, हमारे हिंदू धर्म की हर एक बाते वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मानव कल्याण, मानव रक्षा, पर्यावरण रक्षा के लिये बनी है।
नोट- इस लेख मे हमने अगरबत्ती के उपयोग के विषय मे जाना, जो की बेहद जरुरी है, इसके गंध के कारण कई लोग गम्भीर बीमारी का शिकार हो जाते है, इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकी लोग जगरुप हो सके, और धूप अगरबत्ती का इस्तेमाल करने लगे।
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