गायत्री मंत्र के अर्थ व फायदे जाने | Gayatri Mantra in Hindi

Gayatri Mantra in Hindi: गायत्री मंत्र हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण मंत्र है इसकी उत्पत्ति हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथ ‘यजुर्वेद व ऋग्वेद’ से हुआ है, इसके उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा, का प्रवेश होता है, गायत्री मंत्र करने से सारी इच्छा पूर्ण होती है, इसमें कूल 24 अक्षर होते है आइये इस मंत्र को विस्तार से जानते है.

Gayatri Mantra in Hindi

गायत्री मंत्र हिंदी मे (Gayatri Mantra in Hindi)

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का उच्चारण प्रात: काल स्नान करके मंत्र को सात बार जपे, गायत्री मंत्र करने से शरीर में सकारात्मक शक्तियो का प्रवेश होता है, सम्पूर्ण इच्छाये पूर्ण होती है, जीवन से अंधकार दूर होता है, व जीवन सुखमय बनता है। गायत्री मंत्र का जाप करे. जो निम्नलिखित है.

ॐ भूर् भुवः स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)
Gayatri Mantra in Hindi
गायत्री मंत्र की फोटो

गायत्री मंत्र का अर्थ (Gayatri Mantra ka arth)

ॐ भूर् भुवः स्वः। का अर्थ

  • – परमेश्वर सभी प्राणियो मे विराजमान है इसलिये निष्काम की भावना रखकर सभी के प्रति समर्पित होकर कर्म करे।
  • भू – भू का अर्थ है की शरीर अस्थायी है इसपर स्थायी न होकर आत्मबल बढायो, और पवित्र व श्रेष्ठ मार्ग का अनुशरण करो
  • भुव: ‍‍‍‍ – भूव: का अर्थ है कुसंस्कारो से जूझते रहने वाला मानव, देवत्व को प्राप्त करता है।
  • स्व: – स्व: का अर्थ है विवेका द्वारा बुध्दि को जानने और सयम व त्याग की नीति का आचरण करने के लिये खुद को व दुसरो को प्रेरणा देनी चाहिये { भगवद् गीता के अनमोल विचार पढे }

तत् सवितुर्वरेण्यं। का अर्थ

  1. तत् – तत् का अर्थ है, वही मनुष्य बुद्धिमान है जो जीवन और मृत्यु के रहस्य को जानता है और डर और आशक्ति के बीना जीवन जीता है
  2. सवितु – सवितु का अर्थ है मनुष्य को सूर्य के समान तेजस्वी होना चाहिये
  3. वरेण्यम् – वरेण्यम् का अर्थ है हर मनुष्य को श्रेष्ठ देखना, चिंतन, विचार व श्रेष्ठ कार्य करना चाहिये

भर्गो देवस्य धीमहि। का अर्थ

  • भर्गो – भर्गो शब्द का अर्थ है हर मनुष्य को निष्पाप बनना चाहिये, सभी प्रकार के पापो से सदैव सावधान रहे ।
  • देवस्य– देवस्य शब्द का अर्थ है देवताओ के समान पवित्र व शुध्द दृष्टि रखना चाहिये, इससे मनुष्य के बाहर व भीतर देवलोक की सृष्टि होती है
  • धीमहि – धीमहि शब्द का अर्थ है हर मनुष्य अपने हृदय मे पवित्र शक्तियो को धारण करे, इसके बीना मनुष्य सुख शांति नही प्राप्त कर सकता। Read ओम नम: शिवाय- Om Namah shivay in Hindi

धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ का अर्थ

  • धियो – धियो का अर्थ है की बुध्दिमान मनुष्य को उचित व अनुचित का निर्णय, विवेक, न्याय, तर्क और परिस्थितियो के आधार पर करे।
  • यो न- यो न का अर्थ है मनुष्य की जितनी भी शक्तिया या साधन है उसे कम से कम अपने प्रयोग मे लाये, और शेष को निस्वार्थ भावना से असमर्थो मे बाट दे
  • प्रचोदयात् – प्रचोदयात् का अर्थ है मनुष्य को खुद को व दुसरो को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे

गायत्री मंत्र के फायदे (Gayatri Mantra ke fayade)

  1. गायत्री मंत्र नियमित रुप से करने से सभी परेशानियों दूर हो जाती है और जीवन में नई-नई उपलब्धियाँ प्राप्त होती है
  2. गायत्री मंत्र का जप करने वाला मनुष्य जिस भी परमात्मा का ध्येय रखता है, उनका तेज उसे प्राप्त होता है, वह प्रतिफलित होता है। उसके जीवन के सारे अंधकार मिट जाते है।
  3. गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जाप प्रतिदिन करने से सभी प्रकार के रोगो से मुक्ति मिलती है।
  4. विद्यार्थीयो को गायत्री मंत्र करने से बौद्धिक क्षमता व स्मरण शक्ति बढती है, उनके जीवन में नये गुरु का साथ मिलने लगता है, एव उनका विद्यार्थी जीवन सुखमय बनता है ।
  5. गायत्री मंत्र करने वाले व्यक्ति के व्यवसाय में हानि नहीं होती, साथ ही उसके कार्यों का शीघ्र ही परिणाम मिलता है ,
  6.  गायत्री मंत्र का उच्चारण किसी शुभ मुहूर्त में दूध, दही, शहद, मिलाकर हवन करने से सभी प्रकार के दुख, दर्द, व रोग दूर हो जाते है।
  7.   गायत्री मंत्र को मंगलवार अमावस्या तथा रविवार को लाल वस्त्र पहन कर मा दुर्गा का ध्यान करके गायत्री मंत्र करने से शत्रुोंयो पर विजय प्राप्त होती है।
  8.  गायत्री मंत्र का उच्चारण नियमित सोमवार को पीले वस्त्र पहनकर 108 बार माला जाप करने से जीवन में आ रही समस्या टल जाती है गायत्री मंत्र का जाप , माता पार्वती के समुख करना है, यह साधना स्त्री व पुरुष दोनों कर सकते है, इससे आप कि सारी बँधाये दूर होंगी
  9. गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का नियमित रुप से सुनने व जप करने वाले मनुष्य के जीवन से सभी नकारात्मक विचार दूर होते है, व सुख शान्ति का आगमन होता है, क्रोध, चिंतन जैसे मानसिक बीमारी से छूटकारा मिलता है,
  10. जिन भी दम्पति को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही, उसे प्रातः काल संतान प्राप्ति के पार्थना से गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिये,

यह गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का लेख सोशल मिडीया, कई चलचित्रो व अन्य लेखो से ऐकत्रित की गई है, इस लेख में बताये गए फायदे व उपायो की पुष्टि नही की जा सकती, अत: इससे सम्बंधित विशेष जानकारी हेतु सम्बंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरुर ले.

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