पर्यावरण पर निबंध: प्रकृति का अनमोल उपहार Paryavaran par Nibandh

Paryavaran par Nibandh: पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। यह हमें ऊर्जा, वायु, जल, भूमि, वनस्पति, जीव-जंतुओं और नाना प्रकार के अद्भुत संसाधनों से पूर्ण करता है। प्रकृति ने हमें एक अद्भुद पर्यावरण दिया है, जिसकी हमें रक्षा करनी चाहिए।

Paryavaran par Nibandh image

पर्यावरण न केवल मनुष्यों के लिये बल्की पृथ्वी पर रहने वाले सभी जोवों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योकि पर्यावरण जीवों के लिये उपयोगी संसाधनो जैसे – साफ़ हवा, पानी, पेड़-पौधे और जीव-जंतु आदि का दाता हैं। अत: हमें पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए ताकि पूरे दुनिया में बेहतर और सुरम्य जीवन बना रह सके। आइये पर्यावरण पर निबंध (Paryavaran par Nibandh) देंखे।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran par Nibandh

Paryavaran par Nibandh – पर्यावरण पर निबंध

प्रस्तावना: पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। यह सभी जीवों के लिये ऊर्जा, वायु, जल, भूमि, वनस्पति, जीव-जंतुओं और नाना प्रकार के अद्भुत संसाधनों की पूर्ती करता है। अत: पर्यावरण मनुष्य जीवन के साथ-साथ सभी जीवों के लिये महत्वपूर्ण है। यह हमारे स्वास्थ्य, सुख-शांति, विकास और समृद्धि अहम भूमिका निभाता है।

पर्यावरण हमें वह सभी संसाधन उपयुक्त करवाता है जो मानव जीवन के लिये बेहद उपयोगी होते है पर्यावरणीय संसाधनों को सही ढंग से उपयोग करके हम संसाधन संरक्षण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके अलावा, पर्यावरण हमें वन्य जीवन की संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के साथ लड़ाई, और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सतत् विकास क्या है? क्यो है जरुरी

पर्यावरण का महत्व – Paryavaran Ka Mahatv

पर्यावरण हमारे लिए एक घर के समान है। जो जीवन के लिए आवश्यक जैसे हवा, पानी, खाद्य, ऊर्जा और कई अन्य संसाधन आदि को प्रदान करता है, जो हमारे जीवन को सरल, सुखी और स्वस्थ बनाते है। हालांकि आधुनिकता के कारण पर्यावरण का छय हो रहा, इसमे प्रदूषण, जंगलों की कटाई, जल संकट, और जीव-जंतुओं का विलुप्त होना आदि शामिल है।

अत: हमें पर्यावरण के साथ सही संबंध बनाने की जरूरत है। हमें अपने घर, स्कूल और सारे सार्वजनिक स्थानों की साफ-सफाई, अधिक वृक्षारोपण, पानी का बचाव, वन्य जीवों की संरक्षण, जंगलों की कटाई पर पाबंदी एवं प्रदूषण रहित वस्तुयों का उपयोग करना चाहिए। ताकी हमारे पर्यावरण की सुरक्षा हो सके।

पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या

पर्यावरण कि दृष्टि से प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो दिन-प्रतिदिन हमारे पर्यावरण को प्रभावित करती आ रही है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, और भूमि प्रदूषण, पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं। वायु प्रदूषण ने हवा की गुणवत्ता को खराब किया है, जल प्रदूषण ने जल संसाधनों को अवांछित तत्वों से प्रभावित किया है, और भूमि प्रदूषण ने भूमि की उपजाऊता को कम किया है। ये तीनों संसाधन मानव जीवन के लिये महत्वपूर्ण संसाधनो मे से एक है अत: पर्यावरण प्रदूषण ने मानव जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

पर्यावरण प्रदूषण मे वायु प्रदूषण का योगदान

वायु प्रदूषण, पर्यावरण प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खासकर वर्तमान समये मे बढते वाहनो व उद्योगो की संख्या इसे और अधिक प्रभावित कर दिया है। वायु प्रदूषण को बढावा देने वाले मुख्य कारक निम्न है।

  • वाहनों, इंडस्ट्रीज और जीवाश्म जलाने के कारण होने वाला धुंवा वायु प्रदूषण का मुख्य कारणो मे से एक है यह वायु में विषाणुओं, धूल और कार्बन आदि जहरीले तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है और वायु को प्रदूषित करता है।
  • आजकल पूरे विश्व मे वाहन चलाने वाले लोगो की संख्या मे काफी बढोत्तरी हुई है, इससे निकलने वाला धुआ और आवाज ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।
  • विभिन्न उद्योगों द्वारा उत्पन्न विषाणुओं, धूल, धुंध, और रासायनिक पदार्थों के निर्माण से निकलने वाला धुआ वायु प्रदूषण का महत्वपूर्ण कारक है।
  • ज्यादातर लोगो सोचते है कि प्रदूषण सिर्फ शहर के लोगो द्वारा फैलाया जाता है बल्कि ऐसा नही है, आपको जानकर हैरानी होगी कि कृषि मे उपयोग की जाने वाली कीटनाशकों, केमिकल खादों और उर्वरकों का उपयोग भी वायु प्रदूषण भूमि प्रदूषण को बढ़ावा देता है।
  • बिजली उत्पादन के लिये ज्वालामुखी, कोयला और इतर ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है जो वायु को प्रभावित कर सकता है। जिसके परिणाम स्वरुप वायु प्रदूषण फैलता है।

उपर्युक्त सभी कारण वायु प्रदूषण के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाते हैं, जो हमारे वातावरण के संतुलन को प्रभावित करता है और मानव स्वास्थ्य और प्राकृतिक संसाधनों पर दुर्भाग्यपूर्ण प्रभाव डालता है।

पर्यावरण प्रदूषण मे जल प्रदूषण का योगदान

  • आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडस्ट्रीज, फैक्ट्रियों, और उद्योगों द्वारा निकलने वाला कचड़ा जो रासायनिक पदार्थ होते है उन्हे नदियों व अन्य जल स्रोतो मे डालने से भी जल प्रदूषण होता है जो पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारक है।
  • कृषि के दौरान उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक, उर्वरक, और अन्य रासायनिक पदार्थ जल स्रोतों को प्रभावित करती है। जो पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारक है।
  • वर्तमान समय मे इंडस्ट्रीज और घरेलू क्षेत्रों से निकलने वाले उपयोगिता सामग्री जैसे उर्वरक, केमिकल, और प्लास्टिक जल प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं।

उपर्युक्त सभी कारक जल प्रदूषण के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, जो जल सभी जल स्रोतो को प्रभावित करती है।

पर्यावरण प्रदूषण मे भूमि प्रदूषण का योगदान

भूमि प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण का महत्वपूर्ण कारक है। जिसके उदाहरण निम्न है।

  • इंडस्ट्रीज, फैक्ट्रियों, खनन क्षेत्रों, और घर निर्माण जैसे कारको द्वारा निकलने वाले अपशिष्ट, रासायनिक तत्व भूमि प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।
  • कृषि के दौरान उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक, उर्वरक, और रासायनिक पदार्थों से जल प्रदूषण एव भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है।
  • भूमि प्रदूषण के कारण पृथ्वी की पृथक्करण, पौधों और जीव-जंतुओं के नष्ट होने, जलमार्गों की प्रभावितता, और मानव स्वास्थ्य को अत्यधिक प्रभावित किया है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

  • पर्यावरण संरक्षण का सबसे आसान व सटीक तरीका पेड़-पौधे लगाना है हमे अधिक से अधिक वनस्पतियों को लगाना और संरक्षण करना चाहिए है। यह हमें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं साही जल संचय करने में भी मदद करते हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण मे जल का बचाव करना भी महत्वपूर्ण है। हमें जल के संग्रहण और उपयोग के लिए संचय ढांचे बनाने चाहिए और जल संबंधी प्रदूषण को रोकने के उपाय अपनाने चाहिए।
  • पर्यावरण संरक्षण मे सबसे पहले प्रदूषण नियंत्रण करना चाहिये, ताकि वायु, जल, प्रकाश और भूमि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
  • जनजागरूकता: पर्यावरण संरक्षण की जनजागरूकता बढ़ाने के लिए हमें शिक्षा, प्रशिक्षण, और संगठन कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है। हमें लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए और सकारात्मक क्रियाएं प्रोत्साहित करनी चाहिए।

निष्कर्ष – पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है अत: हमें इसका संरक्षण करना चाहिए। हमें प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करना चाहिए पर्यावरण संरक्षण के लिये हमे अधिक से अधिक पेड़-पौधों लगाना चाहिए, साथ ही जल संरक्षण, वायू संरक्षण और और मृदा संरक्षण पर अधिक बल देना चाहिए। Paryavaran par Nibandh

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *