घर के मन्दिर में भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए?

भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए? | bhagwan ka muh kidhar hona chahiye & bhagwan ka muh kidhar nahi hona chahiye

इस भाग-दौड़ की जिन्दगी में सबके लिए संभव नहीं हो पाता है कि वो मंदिर जाकर पूजा-पाठ कर सके, इसलिए वे अपने घर में ही मंदिर बनवा कर अपने इष्ट देव की मूर्ति स्थापित कर पूजा-पाठ करते हैं लेकिन मंदिर में भगवान की मूर्ति का मुख किस दिशा में रखना शुभ होता है, इसकी सही जानकारी होना भी बहुत ज़रूरी हैं। क्योकि हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार घर, मंदिर, रसोई घर आदि पर भी दिशायों का प्रभाव पडता है. इसलिये दिशाओ के अनुरुप कार्य करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते है कि घर के मन्दिर में भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए

मन्दिर हो या घर भगवान का मुख किस दिशा में हो

हिन्दू धर्म ग्रंथो में यह उल्लेख मिलता है कि मंदिर हो या घर,भगवान का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा की दिशा माना जाता है। यदि आप घर की मन्दिर में मूर्ति की स्थापना कर रहे हैं तो आपको यह ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि भगवान की मूर्ति का मुख सही दिशा में हो। क्योकि मान्यता है कि मूर्ति का मुख सही दिशा में न होने के किरण पूजा-पाठ का सही फल नहीं मिलता।

देवी स्थापना किस दिशा मे होना चाहिए?

ज्योतिशास्त्र मे देवी व देवताओ के लिये अलग-अलग पूजा विधि बताया गया है. जैसे कि किसी देवी (माता) की पूजा करते वक्त 16 शृन्गार जरुर चढ़ाया जाता है. उसी प्रकार यदि आप अपने घर में किसी देवी की स्थापना करने जा रहे है तो माता का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखना सबसे शुभ माना जाता है. हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि घर या मंदिर में माता का मुख दक्षिण दिशा की ओर है तो यह सबसे शुभ माना जाता है.

मंदिर बनवाते समय रखे ध्यान

जैसा की हमे मालूम है कि हिंदू धर्म मे पूजा-पाठ की कई विधिया दी गई है तथा सभी विधिओ का अपना-अपना विशेष महत्व है मान्यता है की घर मे हो या बाहर अगर आप मंदिर का निर्माण कर रहे है तो, इन बातो का विशेष ख्याल रखे।

  • मंदिर की दिशा पूर्व होनी चाहिए।
  • मंदिर की दिशा उत्तर ना हो।
  • देवी या माता के मंदिर की दिशा दक्षिण दिशा हो सकती है।
  • घर में मंदिर का निर्माण सीढ़ियो के नीचे ना करे|
  • मंदिर का निर्माण शौचालय के समीप ना करे|
  • मंदिर का निर्माण रसोई घर के समीप ना करे।
  • मंदिर स्वच्छ वातावरण मे हो

भगवान का मुख सही दिशा में होना क्यू है जरुरी?

कहते हैं कि मन्दिर में रखी गई मूर्ति का मुख सही दिशा में न होने से पूजा-पाठ का सही फल नहीं मिल पाता है प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म के लोग धार्मिक शास्त्रो मे दिशा निर्देश अनुसार पूजा अर्चना कर रहे हैं। पूजा पाठ करने से हर आदमी में सकारात्मकता बढ़ती है। और शरीर में ऊर्जा का संचार ठीक ढंग से होता है। हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार देवी देवताओं कि पूजा पाठ करता है आज के बिजी जीवन में सबके लिए यह सम्भव नहीं हो पाता कि रोज़ मन्दिर जाकर पूजा पाठ करें। इस लिए वे अपने घर में ही भगवान के लिए एक छोटा सा मन्दिर बनाते हैं। असमंजस वाली बात यह है कि मन्दिर में रखी गई मूर्ति का मुख किस दिशा में होना शुभ माना जाता है यह कई लोगो को नही मालूम था।

डिस्क्लैमर- चूकि मंदिर निर्माण या घर निर्माण एक स्थायी कार्य है. इसके निर्माण के बाद इसमे कोई परिवर्तन करना या हटाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है. अत: आपसे निवेदन है कि सही दिशा का चुनाव या इससे सम्बंधित अन्य मुद्दों मे विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले। लेख मे दी गई सलाह इंटरनेट पे उपलब्ध अन्य स्रोतो से एकत्रित की गई है अत: इसके विश्वसनियता की पुष्टी नही की जा सकती।

1 thought on “घर के मन्दिर में भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए?”

  1. vorbelutrioperbir

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