श्री गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti) करने से मन शांत, सुख-समृध्दि एवं माता लक्ष्मी का वास होता है। भगवान श्री गणेश को विघ्न-विनासक एवं मंगलकारक के रुप मे भी जाना जाता है. इनका स्थान हिंदू धार्मिक पूजा मे प्रथम स्थान पर रखा गया है क्योकि ये शुभ कार्यों मे आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं।
हिंदू धार्मिक मान्यताओ के अनुसार किसी भी पूजा या मांगलिक कार्य शुरु करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा जरुर करनी चाहिये, आपने हिंदू धर्म मे शादी कार्ड पर लिखे- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ मंत्र तो जरुर पढा होगा, जो भगवान गणेश जी के मंगल कार्य हेतु स्तुति है।
गणेश जी की आरती – Ganesh ji ki aarti
हिंदू धर्म मे किसी भी शुभ कार्य को शुरु करने से पूर्व श्री गणेश की पूजा जरुर की जाती है मान्यता है की भगवान गणेश मंगलकारी है ये कार्य मे आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर देते है।
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गणेश जी की पूजा/आरती विधि – Ganesh ji ki aarti Vidhi
सर्वप्रथम आपको पूजा सामग्री तैयार कर लेनी चाहिए: जो निम्नलिखित है।
- गणेश जी की मूर्ति या चित्र या स्वास्तिक चिंह
- माला-फूल (लाल पुष्प)
- सुपारी, इलायची, लौंग और अक्षत (चावल)
- कपूर, दीप एवंं अगरबत्ती
- पंचामृत (दूध, दही, घी, मधु, शहद का मिश्रण)
- पूजा की थाली, कलश
पूजा की विधि
- सबसे पहले शुद्धि के लिए स्नान कर ले और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल पर शुभ-लाभ एवं स्वास्तिक का चिह्न बनाये
- पूजा की थाली पर गणेश जी की मूर्ति या चित्र रखें।
- गणेश जी को पंचामृत, फूल, सुपारी, इलायची, लौंग, सफेद चावल, कपूर आदि चढ़ाएं
- दीप एवं अगरबत्ती जलाएं और आरती करें साथ ही मंत्रों का जाप भी कर सकते है।
- अंत में सभी को आरती दिखाये और प्रसाद को बांटें
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श्री गणेश के प्रसिध्द मंत्र
भगवान गणेश जी के मंत्र का जाप करने के कई फायदे होते हैं। यह मंत्र आपको मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से लाभ पहुंचाते है। नीचे सारणी मे गणेश जी के प्रसिध्द मंत्र उल्लेखित है. जिनका जाप करके आप अपने जीवन को समृध्द बना सकते है।
ॐ लम्बोदराय नमः
श्री गणेश के प्रसिध्द मंत्र
ऊँ गं गणपतये नम:
ऊँ श्री गणेशाय नम:
ऊँ गं गणपतये नम:
ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्
ॐ विघ्ननाशाय नमः
ॐ सुमुखाय नमः
ॐ गजकर्णकाय नमः
ॐ विनायकाय नमः
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
श्री गणेश के प्रसिध्द मंत्र
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।
श्री गणेश के प्रसिध्द मंत्र
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।
श्री गणेश के प्रसिध्द मंत्र
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
गणेश मंत्र के फायदे
- श्री गणेश जी के मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में आने वाले बाधाओं और अड़चनों का नाश होता है। क्योकि गणेश जी विघ्नहर्ता एवं मंगलकारी देवता हैं प्रतिदिन इन मंत्रो का उच्चारण करने से आपको सभी प्रकार के विघ्नों से मुक्ति मिलती है।
- भगवान गणेश जी के मंत्र के जाप से शारीरिक, मानसिक एवं बुद्धि मे सुधार होता है। यह मंत्र आपकी मनःसमर्पण क्षमता को बढ़ाता है जो हम सोचने,समझने, योजना बनाने और समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है।
- श्री गणेश मंत्र का जाप करने से सफलता की प्राप्ति में सहायता मिलती है। गणेश जी सभी कार्यों के प्रथम पूज्य हैं और उनके मंत्र का जाप आपको समृद्धि, उच्चता और सफलता के मार्ग में आगे बढ़ाता है।
- श्री गणेश जी मंत्र का नित्य जाप करने से मानसिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आपको चिंताओं, तनाव और दुखों से मुक्ति दिलाकर आपको आनंद और सुख की अनुभूति करवाता है।
भगवान श्री गणेश की मुख्य बातें
श्री गणेश माता पार्वती एवं भगवान शिव के सबसे छोटे पुत्र है। इन्हे दामोदर, गजानन, गौरीपुत्र, गणपति, गणनायक एवं विघ्नहर्ता आदि नामो से जाना जाता है।
भगवान श्री गणेश की प्रमुख सवारी मूषक है। जिसे मुषकराज कहा जाता है। मूषक श्री गणेश जी के प्रिय भक्त हैं और हमेशा उनके साथ रहते हैं।
अन्य नाम | दामोदर, गजानन, गौरीपुत्र, गणपति, गणनायक |
पिता | भगवान शिव |
माता | माता पार्वती |
भाई/ बहन | कार्तिकेय, अय्यप्पा अशोकसुन्दरी, मनसा देवी , देवी ज्योति |
सवारी | मूषक |
भोग | मोदक |
दिवस | बुधवार |
त्योहार | गणेश चतुर्थी |