गौतम बुध्द की सम्पूर्ण जीवनी | Gautama Buddha Biography in Hindi

गौतम बुध्द का जन्म पूर्णीमा के दिन हुआ था, गौतम बुध्द एक ऐसे महान पुरुष थे जिनकी मानव प्रतिमा पूजा गया, इनके बचपन का नाम सिधार्थ व इनके माता का नाम मायादेवी और पिता का नाम शुध्दोधन था गौतम बुध्द के जन्म के 7 दिन बाद इनके माता जी की मृत्यू हो गई, तब इनके पिता ने दुसरी शादी की जिनका नाम प्रजापति गौतमी था जो की गौतम बुध्द की माता की बहन थी.

Gautama Buddha Biography in Hindi
Gautama Buddha Biography in Hindi

गौतम बुध्द का जीवन परिचय

गौतम बुध्द का जन्म 563 ईस्वी पुर्व हुआ। इनके अंदर बचपन से ही करुणा व दया का स्त्रोत दिख रहा था इनके गुरु का नाम विश्वामित्र था गौतम बुध्द का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और मृत्यु ये तीनो पूर्णीमा के दिन हुये थे, इन्होने बिहार के गया जिले के सम्पत्ति ग्राम में 6 वर्षो तक तपस्या किया, इन्होने पीपल वृक्ष व निरंजना नदी के किनारे बैठ कर तपस्या की थी

जन्म ई०पूर्व 563
मृत्यु ई०पूर्व 483 (80 वर्ष आयु )
जन्म स्थान लुम्बनी (नेपाल )
बचपन का नाम सिधार्थ
माता का नाम मायादेवी
पिता का नाम सुध्दोधन
पत्नी का नाम यशोधरा
धर्म के संस्थापकबौध्द धर्म
गुरु का नाम विश्वामित्र
Gautama Buddha Biography in Hindi

गौतम बुध्द का सम्बंध शाम्य वंश से माना जाता है गौतम बुध्द जी का विवाह 16 वर्ष के आयु मे हो गई थी इनके पत्नी का नाम यशोधरा था शादी के 12 वर्ष बाद उनके बेटे का जन्म हुआ जिसका नाम राहुल था

गौतम बुध्द जी का विवाह

गौतम बुध्द जी एक राजा परिवार से थे , और पहले के लोग बाल विवाह को मानते थे इसलिये गौतम बुध्द का विवाह 16 वर्ष के उम्र मे यसोधरा नामक युवती से हुआ, जिससे उनको एक पुत्र प्राप्त हुआ जिसका ना उन्होने राहुल रखा ।

जंगली जानवर की अपेक्षा कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए

Gautama Buddha

गौतम बुध्द का उपनाम

गौतम बुध्द ने लोगो को कई संदेश दिये जिससे लोगो मे बहुत बदलाव देखने को मीला , और उनके उपदेश के कारण लोगो ने उन्हे कई उपनाम दिये , जैसे ऐशिया का प्रकाश पुंज इत्यदि

  • शाम्य सिन्ह
  • शाक्य मुनि
  • तथागत
  • ऐशिया का प्रकाश पुंज

गौतम बुध्द का सन्यासी बनने का कारण

गौतम बुध्द एक राज घराने के थे, एक दिन उन्होने अपने सार्थी चन्ना से कहाँ उन्हे अपना राज्य देखना है और वो राज्य देखने निकल पडे, लेकिन वो जैसे – जैसे दूर जाते है वैसे – वैसे उन्हे कुछ नया देखने को मिलता था, जो की वो अपनी जीवन मे पहली बार देख रहे थे, उन्होने जो जो देखा उनके नाम निम्नलिखित है

1.बूढा व्यक्ति

उन्होने देखा की एक बूढा व्यक्ति था जिसकी कमर झूकी हुई थी , तब उन्होने चन्ना से पूछा बूढा व्यक्ती की कमर झूक जाती है तब चन्ना ने जवाब दिया ,युवराज ये स्थित हर मनुष्य की आती है जब वो बुढा होता है तब उसकी कमर झूक जाती है , और व असमान्य रूप से कमजोर हो जाता है

2.बीमार व्यक्ति

जब गौतम बुध्द से एक बीमार इंशान को देखा तो वो अपने सार्थी चन्ना से पुछा ये व्यक्ती इतना असहाय , कमजोर , व निराश क्यू है ,तब चन्ना ने जवाब दिया , ऐसी स्थित हर मनुष्य का आता है जब वो किसी न किसी बीमारी का शिकारी हो जाता है तब उसकी परिस्थिति ऐसी हो जाती है

3.मृत व्यक्ति

जब गौतम बुध्द ने एक मृत्य व्यक्ति को देखा तो उन्होने चन्ना से पूछा इसे ऐसे क्यू ले जा रहे है तब चन्ना ने जवाब दिया , युवराज इस दुनिया मे जिसका भी जन्म हुआ है सब की मृत्यू निश्चित है , इस जहाँ मे सब को एक न एक दिन मरना है , जीवन का अंत निश्चित है

4.सन्यासी व्यक्ति

जब गौतम बुध्द ने एक सन्यासी को देखा व खुश बैठा था तब उन्होने अपने सार्थी चन्ना पुछा ये मनुष्य कौन है और यह इतन प्रशन्न क्यू है ,तब चन्ना ने जवब दिया ये एक सन्यासी है जो की मोह-माया से दुर है इसने अपना सब कुछ त्याग दिया है , इसने अपने इंद्रियो पर विजय पा चुका है , इसलिये ये इतना खुश है व शांत है

तब गौतम बुध्द ने सोचा की अगर प्रशन्नता का कारण सन्यासी है तो मै भी सन्यासी बनुगा, और इसी घटना को महाभिष्क्रमण कहा गया है.

गौतम बुध्द जी के उपदेश

गौतम बुध्द ने 6 सालो तक तपस्या किया तब उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होने ने समाज के लिये बहुत कुछ किया, समाज को कई रास्ते दिखाये जैसे उनके जीवन मे दुख व उनके कारण व निवारण इत्यादि

गौतम बुध्द जी ने अहिंसा पर भी पर भी बहुत जोर दिया,और पशु बलि की निंदा की. बुध्द के उपदेशो का सार निम्नलिखित है

  • ध्यान
  • मध्यमार्ग
  • चार आर्य सत्य
  • अष्टांग मार्ग

इसे भी पढे

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *