bhartiya arthvyavastha mein krishi– भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। ज्ञात है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ की लगभग 58% आबादी कृषि पर निर्भर है। यही कारण है की भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का मुख्य योगदान है जो देश के विकास मे अहम भूमिका निभाता है।
कृषि मानव का सबसे बड़ा व्यवसाय है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कृषि से ही होती है। भारत की लगभग 58% आबादी के लिए कृषि आजीविका का प्राथमिक स्रोत है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान – bhartiya arthvyavastha mein krishi ka kya mahatva hai
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुनियादी ढांचा है। क्योकि भारत के लगभग आधी जनसंख्या के आय का मुख्य स्रोत कृषि है। यही कारण है कि कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ भी कहा जाता है।
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जिसका मूलभूत कारण यह है कि भारत की लगभग 60% जनसंख्या कृषि से जुड़ी हुई है। जो भारत की जीडीपी में लगभग 15% का योगदान करती है। वर्तमान समय मे भारत सरकार कृषि उत्पादन मे वृध्दि के लिए अनेको कार्यक्रम चला रही हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार जैसे- कृषि उत्पादन मे वृध्दि, किसानों को आर्थिक मदद, कृषि मे टेक्नोलोजी का प्रयोग, कृषि मे वैज्ञानिक अनुप्रयोग, आदि शामिल है।
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भारतीय कृषि का इतिहास – Bhartiy krishi ka Itihas
भारत एक कृषि प्रधान देश है प्राचीनकाल से ही यहाँ कृषि की गौरवशाली परम्परा रही है। शोधकर्ताओ के अनुसार भारत में सिन्धु घाटी सभ्यता के समय से ही कृषि की जा रही है। सिंधु घाटी सभ्यता ऐसे कई साक्ष्य जैसे- औजार, अन्न, आदि मिले है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह सभ्यता कृषि से पूर्णत: परिचित थी।
चूकी सिंधु घाटी सभ्यता का विकास सिंधु नदी के किनारे हुआ था इसलिये संभवतः सिंचाई के लिए बाँधों का प्रयोग किया गया होगा. विद्वानो का मानना है कि इस सभ्यता के लोग गेहू, जौ, खजूर, मटर सरसों और तिल जैसे फसल उगाया करते थे।
वर्तमान समय मे कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत है इसका मूल कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय का मुख्य स्रोत कृषि पर निर्भर है। साथ ही किसान द्वितीयक उद्योगों के लिये प्राथमिक उत्पाद भी उपलब्ध कराते है। यही कारण है की वर्तमान मे कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख योगदानकर्ता है।
भारतीय कृषि के औजार – Agricultural tools in India
हमे ज्ञात है कि भारतीय कृषि की शुरुआत हजारों पर्ष पहले से ही हो चुकी थी अत: ऐसे मे कृषि मे उपयोग किये जाने वाले औजारो के विषय मे जानना अत्यंत जरुरी है।
भारत में कृषि के परंपरागत औजारों जैसे खुरपी, फावड़ा, कुदाल, हँसिया आदि का प्रयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान मे इन औजारो के साथ-साथ आधुनिक मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। जैसे- ट्रैक्टर, हारवेस्टर, थ्रेसर, तथा अन्य आधुनिक मशीने आदि। ये मशीने कृषि को सरल बनाती है तथा इनके उपयोग से कृषि मे अत्यंत वृध्दि देखने को मिलती है।
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भारत में सिंचाई – Irrigation in India
प्राचीनकाल मे सिंचाई का कोई विशेष साधन उपलब्ध नही था, इसलिये किसान नदियों व अन्य जल स्रोतो के पास बसा करते थे, लेकिन धीरे-धीरे मानव ने इसका हल निकाला और खेती-किसानी जैसे अन्य गतिविधियों के लिए नदियों, तालाबों, कुओं, नहरों और अन्य कृत्रिम साधनो से पानी की आपूर्ति करने लगे। हालाकि वर्तमान मे भी भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ६४% खेती मानसून पर निर्भर है।
वर्तमान मे सिंचाई के साधन
- नदी
- तालाब
- नहर
- डैम
- वर्षा का जल
- जल पम्प
कृषि मे सिंचाई का विशेष महत्व है, सही समय पर सिंचाई न केवल कृषि उत्पाद को बडाता है बल्कि कृषि चक्र को भी संतुलित रखता है, सही समय पर सिंचाई करने से उत्पादन में स्थिरता व वृध्दि होती है एवं कृत्रिम सिंचाई के द्वारा हम मानसून पर कृषि के निर्भरता को भी कम करते है.
कृषि उत्पादन मे भारत का स्थान
स्थान | अनाज/अन्न |
पहला स्थान | गन्ना, अंगूर, पपीता, बाजरा, कसाबा, मटर, दूध, अदरक, जूट, अरंडी, आम और केला |
दूसरा स्थान | गेहूँ, चावल, चाय, आलू, प्याज, लहसुन, चावल, बिनौला, फल और सब्जियाँ |
तीसरा स्थान | उर्वरक |
भारत मे कृषि के महत्व – Importance of Agriculture in India
कृषि किसी भी देश के लिये विशेष महत्व रखता है यह न केवल मनुष्यो का खाद्य आपूर्ती को पूरा करता है बल्कि अन्य जानवरो के लिये भी कृषि भोजन का विशेष साधन है। कृषि खाद्य आपूर्ती के के साथ-साथ रोजागार, द्वितीयक उद्योगों के लिये प्राथमिक उत्पाद, आदि का विशेष महत्व है। अन्य महत्व निम्नलिखित है।
- कृषि के द्वारा ही देश की खाद्य आपूर्ति तथा कई करोड़ पालतू पशुओं को चारा प्रदान होता है।
- कृषि के द्वारा ही लोगों को रोजगार मिलता है। भारत में अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्य में ही संलग्न है।
- कृषि के द्वारा ही परिवहन साधनों का विकास हुआ है।
- द्वितीयक उद्योगों के लिये प्राथमिक उत्पाद
- विभिन्न प्रकार के लघु एवं कुटीर उद्योग भी कच्चे माल के लिए कृषि पर ही निर्भर रहते है।
- देश में कृषि से उत्पादित वस्तुओं का बड़े पैमाने पर व्यापार किया जाता है और देश की अधिकांश जनसंख्या इस व्यापार में संलग्न है
- कृषि से उत्पादित वस्तुओं पर केन्द्र तथा राज्य सरकार कर लगाकर राजस्व के रूप में आय का बड़ा मांग प्राप्त करतीं हैं।
- विदेश को निर्यात किए जाने वाले अनेक पदार्थो का उत्पादन खेती से ही होता है।
कृषि मे वृध्दि
वर्तमान मे भारत कृषि निर्यात मे 50 बिलियन डॉलर की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गया है। जो अब तक का सबसे अधिक कृषि उत्पाद निर्यात है। इसका मुख्य कारण भारत सरकार द्वारा जारी विभिन्न परियोजनाये है। जो कृषि क्षेत्र को अधिक मजबूत बना रही है।
- कृषि क्षेत्र में सिंचाई संबंधी समस्याओं का निवारण
- कृषि से संबंधित बाज़ार की समस्या का समाधान
- कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम
- कृषि क्षेत्र में छिपी बेरोज़गारी की समस्या का समाधान
- कृषि को बढ़ावा देने के लिये जैविक कृषि पर बल
इस लेख में हमने भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान (bhartiya arthvyavastha mein krishi ka Yogadan) जाना, आपको बता दू हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है क्योंकि कृषि देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। भारत की लगभग 60% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, जो देश के ग्रामीण जीवन और खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।