दशहरा को विजय दशमी भी कहा जाता हैं इसके पीछे कई कहानियां हैं। जिनमें सबसे प्रचलित कथा है भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण के बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोडना व उसपे विजय प्राप्त करना।
दशहरा हिंदूयो का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार हर वर्ष शरद ऋतु के शुरुआत मे मनाया जाता है। आइये विस्तार से जाने की दशहरा क्यू मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य कारण क्या है ?
दशहरा क्या है और कब है ?
दशहरा हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है। यह मां दुर्गा के नवरात्रि त्योहार के बाद मनाया जाता है। इसलिये इसे दशहरा या विजय दशमी कहा जाता है। यहाँ दशमी का अर्थ 10 दिनो से है, अर्थात 9 दिन नवरात्रि बीत जाने के बाद 10वे दिन को दशहरा या दशमी कहते है।
इस वर्ष नवरात्रि 26 सितम्बर से शुरु होकर 5 अक्टूबर को खत्म हो रहा, इसलिये दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जयेगा। जाने – नवरात्रि की पूजा विधि
दशहरे के दिन किसकी पूजा की जाती है।
दशहरा के दिन मां दुर्गा और भगवान श्री राम का पूजन होता है। यह माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले कामों का शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है। इस दिन भारत के गांवो व शहरो मे विजय दशमी का मेला लगता है। जहाँ रावण का पुतला जलाया जाता है।
इन्हे भी पढे
दशहरा या विजयादशमी का महत्व।
आज कल लोग दशहरे के महत्व को भूलकर बाहरी आडंबर को ही प्रधानता देने लगें हैं।इस दिन कुछ लोग शराब पीने और जुआ खेलने में ही समय बिताते हैं। दशहरे जैसे पवित्र पर्व को अच्छे ढंग से मनाना चाहिए। अपने हृदय को स्वधर्म, स्वदेश प्रेम, बलिदान, तपस्या और वीरता जैसे उत्तम भावनाओं से भर देना ही इस त्योहार को मनाने का सही तरीका है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय पाईं थीं इसलिए दशहरे के दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं।
सचमुच विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय ऐतिहासिक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है दशहरे का त्योहार हमें धर्म न्याय और मानवता की रक्षा करने तथा हर शुभ कार्य में विजयी बनाने का सन्देश देता है लोग दशहरे को बहुत शुभ दिन मानते हैं
दशहरा पर निबंध
दशहरा हिन्दुओं का सबसे लोकप्रिय त्योहार है जिसे दस दिनों तक मनाया जाता है। दशहरा रामायण के महाकाव्य में रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है। दशहरा हिन्दू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जशन मनाने वाले त्योहारों में से एक है।
अच्छा कार्य करने के लिए दशहरे का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों और दुकानों को सजाते हैं। और शास्त्रों की पूजा करते हैं इस लोग अपने कारखानों, जमीनो और अन्य सम्पत्तियो की पूजा करते हैं। किसानों के जीवन मे दशहरा नया रंग भर देता हैं।
दशहरे के पहले नौ दिनों तक सारे देश में रामलीला का आयोजन किया जाता है दशहरे के दिन रामलीला समाप्त होती है और कागज बांस से बनाए गए रावण की प्रतिमा को जलाते हैं। मान्यता हैं की यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लेकिन ध्यान योग्य रखने वाली बात यह है की बुराई किसी भी रूप में हों सकतीं हैं जैसे- ईष्या, क्रोध, आलस्य, असत्य आदि किसी भी आन्तरिक बुराई को खत्म करना भी एक आत्म विजय है और हमें इस तरह की बुराई खत्म करने के लिए दशमी का त्योहार मनाते है।
आइये इस दशमी सब मिलकर देश मे पनफ रहे, जातीय और धर्मीय भेदभाव को मिटाते है और एक सफल व स्वच्छ समाज की स्थापना करते है। अर्थात रामराज्य स्थापित करते है।
दशहरा पर 10 शब्द
दशहरा त्योहार हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है यह त्योहार भगवान श्री राम जी को समर्पित है इस दिन भारत के गांवो व शहरो मे नौ दिनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है और दसवें दिन रावण दहन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है ।
- दशहरा हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार है
- दशहरे को विजय दशमी भी कहा जाता है।
- दशहरा त्योहार हिन्दु कलेंडर के अनुसार क्वार माह मे मनाया जाता है।
- भगवान श्रीराम जी द्वारा रावण के वध करने की खुशी में दशहरा त्योहार मनाया जाता है
- दशहरे से पूर्व नौ दिन तक रामलीला का आयोजन किया जाता है।
- दशहरे के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
- रामलीला में श्री राम जी के आदर्श जीवन को दिखाया जाता है।
- दशहरे वाले दिन रावण मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाता है।
- सरकारी दफ्तरऔर स्कूलों में इस दिन अवकाश रहता है।
- दशहरा मनाने का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाना है।