बच्चे के जन्म पर गाये जाने वाले गीत को सोहर कहाँ जाता है। अधिकतर ऐसे गीत भारत के गांवो मे सुनने को मिलते है। ये गीत अब भी भारत के उत्तरी राज्यो जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, आदि राज्योंं मे गाया जाता है। जैसा हम जानते है की हमारा समाज नानाप्रकार के भेदभावो को साथ लेकर चलता है। जिनमे से मात्र लडके के जन्म पर गाये जाने वाला सोहर या गीत एक है। – या यू कहे की भारतीय समाज अब भी मात्र लडके के जन्म पर खुशिया मनाता है।
हमे इस प्रकार के भेदभाव से बचना है, चाहे लडका हो या लडकी हमे हर बच्चे के हर जन्म पर खुसिया मनानी चाहिये। आज इस लेख मे हम गांवो मे गाये जाने वाला गीत सोहर पढेंगे ।
सोहर – चल चली बालम न्यैहर मे लाल होगे
चल चली बालम न्यैहर मे लाल होगे?
जहाँ लाल होइही त सासू नेग मगिहीं 2
चल चलो बालम अम्मा को नेग दिहा जाय
चल चली इहालत हो। नटर जेहानी नेग मागली 2
चल चली वालम भाभी को नग
चलची इटा काक होइही ननद नेग गगिली 2
चदा चली बालम दीदी को लेग दिया जाय न्चल –
लालू मोरे हो गये भादव की सती में
‘लुटाई दिहा पियरी भादव की रात म हमर्थ उत्पे बालू रानी नीचे 2
जुटाई दिहा पियरी. पेठानी झुमका ?
मनई हमाई कुलई के कग्रेन मांग ठू एक रुपया मोरे, सबर क कमाई 2
यही मे ननद जी या महगाई कांनक बदल ले लो 2
पीतक के बाद हो कबई के कंगन गारोनवाई हया से कल
कागुन मे लई आय गवन 2
एगहन मे जलनवा हो गइले ट सातू जो सभी देवता मनन को 2
फागुन के पियरी देना पड़े,
उलझन में सबेरखा हो गइले मे लई आप गणन 2 एगहन मे ललनवा हो गहल
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सोहर – लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में
लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में
जात रे रहिया रहिया, बिचई मिली गयी सासू
मेरी चुनरी गयी रे सासू की मुलाकात में
लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में
जात रहे रहिया रहिया बिचयी मिल गई जेठी।
मेरा झुमका गया रे जेठी के मुलाकात में
लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में
जात रहे रहिया रहिया बिचयी मिल गई छोटी।
मेरा हरवा गया रे छोटी की मुलाकात में
लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में
जात रहे रहिया रहिया बिचयी मिल गई ननदी।
मेरा कंगना गया रे ननदी की मुलाकात में
लल्ला हुआ रे भादव की आधी रात में