क्या ईश्वर होते है
भगवान होते है: आस्था के लिए परिणाम की जरूरत नहीं पड़ती, धार्मिक ग्रंथो के अनुसार ईश्वर हर जगह मौजूद है जैसे-वायु, पानी, पृक्रित, जीव जंतु, पंक्षी,इत्यादि हर जहग ईश्वर विराजमान है।
अगर आप सोचते हैं कि भगवान होते है तो दिखते क्यू नही , अगर होते तो हमें दिखाई देते, आप को पता होगा, ये हवा, मनुष्य की उत्पत्ती, प्रकृत की सरचना , ये जीव जंतु, ये पहाडिया , किसी विशेष मनुष्य की देन नही, ये किसी अद्भुत शक्ती की सरचना है जिसे हम भगवान कहते है , ईश्वर कहते है
मेरे अनुसार : जैसे हम सब जानते है सकारात्मक और नकारात्मक दोनो प्रकार की उर्जा ब्रम्हाण मे होती हैं । उदाहरण के लिए अगर अच्छाई है तो बुराई भी होगी, उसी प्रकार उजाला है तो अंधेरा भी होगा, अगर ऊपर है तो नीचे भी होगा, पृथ्वी है तो आसमान भी होगा, गर्म है तो ठंडा भी होगा, और नकारात्मक उर्जा होती है तो सकारत्मक उर्जा भी होंगे। जिसे हम भगवान या ईश्वर कहते है
जो मनुष्य भगवान को नहीं मानता उसे भूत प्रेत जैसे काल्पनिक कथाओं को भी नहीं मानना चाहिए क्योंकि हर चीज का एक अपोजित होता है {क्या ईश्वर होते है}
ईश्वर को मानने वाला
ईश्वर को जानने की इच्छा को ही अध्यात्म कहा जाता है अगर आप किसी अध्यात्मिक गुरु को जानते हैं तो आप पाएंगे कि अध्यात्म को मानने वाले लोग ईश्वर को मानते हैं प्रकृति को मानते हैं भगवान के द्वारा बनाये गये सभी वस्तुयो को मानते है
जैसे- ब्रम्हाण, पृथ्वी, सूर्य, आसमान, इत्यादि भगवान के द्वारा बनाए गए सभी जीव जैसे- मनुष्य, जीव जंतु, प्रकृत एक अद्भुत रचना है जिसे कोई नहीं बना सकता ।
आज तक वैज्ञानिकों ने यह पता नहीं लगा पाया है कि सबसे पहले मनुष्य या कोई जीव जंतु पेड़ पौधे की उत्पत्ति कैसे हुई इन सब कारणों से तथा कुछ अद्भुत अकल्पनीय घटनाओं से साबित होता है कि भगवान होते हैं भगवान को मानने के लिए आस्था की जरूरत होती है परिणाम कि नहीं, {क्या ईश्वर होते है}
ईश्वर एक ऐसी शक्ति है जो आपके मन के भीतर रहती है आपके साथ चलती है और हर परिस्थिति में आपकी मदद करती है।
ईश्वर एक है (God is One)
ईश्वर होते हैं इस बात को कई धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है आप किसी भी धर्म के हो चाहे हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो , या इसाई हो सभी धर्मों में ईश्वर के होने की बात कही गई है ईश्वर ने मनुष्यों की रचना कैसे की है इन सब बातों को भी विस्तार से बताया गया है।
अगर सभी धर्म ग्रंथो पर एक निगाह डाला जाय तो हम पायेंगे की भगवान का होने का परिमाण सभी ग्रंथो मे उल्लेखित किया गया है , ग्रंथ के अनुसार मनुष्य को पाप नही करना चाहिये । किसी निर्दोस जीव की हत्या नही करनी चाहिये इत्यादि बाते , इन सब बातो से यही स्पष्ट होता है की, भगवान एक है , जो की सर्वशक्तिमान है।
ईश्वर की पूजा कैसे करें
ईश्वर की पूजा करने के लिये किसी विशेष वस्तु की जरुरत नही होती , अगर किसी वस्तु की जरुरत होती है तो वो है पवित्र मन, सच्चा मन , व ईश्वर मे आस्था , अगर आप का मन पवित्र है व ईश्वर मे आस्था है तो आप की पूजा सफल मानी जायेगी ,
ईश्वर की पूजा के लिये , फल , फूल, गुलाल , जैसे- वस्तुयो से ज्यादा मन की पवित्रता पर निर्भर होता है , अगर आप का मन साफ व पवित्र नही है तो आप के लिये ईश्वर की पूजा करना व्यर्थ है , किसी काम का नही ,
पूजा को करते समय मन को शांत रखना बहुत जरुरी है , 5 मिनट ही पूजा करे लेकिन शांत मन से करे ।
ईश्वर को धन्यवाद कैसे दे
अगर आप प्रभु का धन्यवाद देना चाहते है तो , सबसे पहले आप खुले आसमान के नीचे जाये या जिस भी ईश्वर को आप मानते है उनके मूर्ती या प्रतिमा के पास जाये , पैरो के सहारे बैठ जाये और हाथ जोड ले व आख बंद करले , और शांत मन से प्रभु को धन्यवाद दे –
जैसे- धन्यवाद प्रभु , हमे प्यारी जिंदगी देने के लिये , मुझसे जो भी गलती हुई हो माफ करे, हम सब आप के ही संतान है ,धन्यवाद प्रभु , धन्यवाद
ईश्वर को ना मानने वाले
ईश्वर को ना मानने वाले को नास्तिक कहते है , ऐसे लोग ना ईश्वर को मानते है न ही किसी कल्पनीय बात को, ईश्वर को ना मानने के इनके कई कारण हो सकते है – जैसे- जीवन से परेसान हो जाना , परिवार व रिश्ता खो देना, किसी बडी उम्मिद को खोना , इत्यादि कुछ भी हो सकता है , क्या ईश्वर होते है