भारत मे हरी-सब्जिया खाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही चली आ रही है। क्योकी इसकी खेती कही भी आसानी से की जा सकती है। साथ ही कुछ हरी सब्जिया ऐसी भी है जो स्वयं से ही उग जाती है। हरी सब्जिया खाने का मुख्य कारण यह भी हो सकता है की इन सब्जियों मे पाये जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ व तंदरुस्त बनाते है।
बथुआ एक वनस्पति है। जिसकी सब्जी बनायी जा सकती है। यह घास की श्रेणी मे आता है। प्राय: बथुआ के पौधे सर्दी ऋतु मे अधिक देखने को मिलते है। आज हम इस लेख मे बथुआ खाने के फायदे व आयुर्वेदिक गुण जानेंगे।
बथुआ का पौंधा – Bathua Plant
बथुआ एक वनस्पति का प्रकार है। जो की शरद ऋतु के फसलो जैसे- गेहू, सरसो, मटर आदि के साथ बोया जाता है। आपको बता दू प्राय: बथुआ की खेती नही की जाती, यह रवि फसल मे बोये जाने वाले अनाजो के साथ स्वयं से उग जाते है।
बथुआ का पौधा समान्यत: सरसौ के पौधे से छोटा ही होता है। इस पौधे की पत्तियो मे आयरन, पोटास आदि प्रचुर मात्रा मे पायी जाती है। जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने मे मददगार होता है। Read – सरसो तेल खाने के फायदे
बथुआ की पत्तिया – bathua leaves
जब बथुआ का पौधा छोटा व पत्तिया मूलायम होती है। तभी इसे तोड लेना चाहिये और साफ पानी से धूलकर छोटे-छोटे आकार मे काट कर सब्जी बनानी चाहिये। इसके पत्तियो मे हजारो आयुर्वेदिक गुण पाये जाते है। जो हमारे शरीर को तंदरुस्त रखते है।
बथुआ की पत्तियो मे विटामीन ए, आयरन आदि पोषक तत्व भरपूर्ण मात्रा मे पाये जाते है। जिसके सेवन से पाचनक्रिया दुरुस्त होता है और खांसी-जुखाम, कब्ज, बवासीर, आदि बीमारियो मे फायदेमंद होता है।
बथुआ खाने के फायदे
- पाचनक्रिया को दुरुस्त करता है।
- पित्त व मलमूत्र को साफ करता है।
- खांसी-जुखाम मे आराम देता है।
- आंखो के लिये फायदेमंद होता है।
- कब्ज दूर करता है।
- भूख बढाता है।
- बुध्दि तेज करने मे सहायक
- हृदय स्वस्थ रखता है।
- खून साफ करता है।
- बवासीर मे लाभ पहुचाता है।
- लीवर को मजबूत करता है। (आदि)
बथुआ की अन्य विशेषतायें
- बथुआ मे पोषक तत्वो की भरमार होती है। जो की पेट से जुडी हर प्रकार की समस्या का समाधान कर सकती है। यह पेट की बीमारी जैसे- पाचंक्रिया कमजोर, कब्ज, कीडे, बवासीर, सूजन, पीलिया, लीवर सम्बंधित आदि बीमारियो को दूर करके आपको स्वस्थ व तंदरुस्त बनाता है।
- त्वचा से सम्बंधित बीमारियो मे भी बथुआ फायदेमंद होता है। त्वचा पर उपस्थिति दाग, खुजली, कील-मुहासे, खाज, फोडे, रुखापन आदि को दूर करता है। और आपके त्वचा को मूलायम बनाता है।
- कच्चे बथुआ के रस को रोजाना एक कप नमक के साथ लेने से पेट के कीडे मर जाते है।
- बथुआ की सब्जी या साग खाने से बवासीर से राहत मिलती है।
- बथुआ के पौधे से रायता भी बनाया जा सकता है।
- बथुआ के पौधे मे क्षार पाया जाता है। इसलिये यह पथरी वाले व्यक्तियो के लिये फायदेमंद होता है।
- बथुआ को संस्कृत भाषा मे वास्तुक व क्षारपत्र कहा जाता है।
- बथुआ कृमिनाशक मूत्रशोधक होता है।
चेतावनी – अगर आप बीमारी है या आपको किसी प्रकार की एलर्जी है। या गर्भवती महीला, इसका सेवन करने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य ले।