नक्षत्रो के नाम , पहचान व आकृतिक को जाने,
चंद्रमा के भ्रमण मार्ग को 27 भागो में बाटा गया है| जिन्हें हम चंद्रमा का कक्ष या पथ भी कहते है और इन्ही पथो के प्रत्येक भाग को नक्षत्र कहते है। 27 नक्षत्रों के नाम और पहचान नीचे तालिका मे दिया गया है।
नक्षत्र कितने होते हैं
नक्षत्र 27 प्रकार के होते है, नक्षत्र के नाम निम्नलिखित है। Nakshatra in Hindi
नक्षत्र | पहचान |
अश्विनी | घोडा |
भरणी | त्रिकोण |
कृत्तिका | अग्रिशिखा |
रोहिणी | गाडी |
मृगशिरा | हरिणमस्तक वा विडालपद |
आर्दा | उज्वल |
पुनर्वसु | धनुष |
पुष्य | माणिक्य वर्ण |
अश्लेषा | कुत्ते की पूछ |
मघा | हल |
पूर्वाफाल्गुनी | खट्वाकार उत्तर दक्षिण |
उत्तराफाल्गुनी | शय्याकार उत्तर दक्षिण |
हस्त | हाथ का पंजा |
चित्रा | मुक्तावत् उज्वल |
स्वाती | कुकु वर्ण |
विशाखा | तोरण या माला |
अनुराधा | सूप या जलधारा |
ज्येष्ठा | सर्प या कुंडली |
मुल | संख या सिन्ह की पूछ |
पुर्वाषाढ | सूप या हाथी का दात |
उत्तराषाढ | सूप |
श्रवण | बाण या त्रिशुल |
धनिष्ठ प्रवेश | मर्दल बाजा |
शतभिषा | मंडलाकार |
पूर्वभाद्रपद | भारवत् या घंटाकार |
उत्तरभाद्रपद | दो मस्तक |
रेवती | मछली या मृदंग |
मूल नक्षत्र – Mool Nakshatra
किसी मनुष्य के भविष्य को जानने हेतु आध्यात्मिक तरीको का प्रयोग किया जाता है, जिसे हम ग्रह नक्षत्र कहते है, अर्थात नक्षत्र की सहायता ये ज्योतिषि ये जान पाते है की मनुष्य किस स्वभाव का है, दरअसल ये नक्षत्रो के व्योहारो पर सम्भव हो पाता है,
नक्षत्रो का अपना-अपना स्वभाव होता है, कुछ नक्षत्र कुछ नक्षत्र कोमल तो कुछ नक्षत्र कठोर और उग्र होते है, इन्ही उग्र नक्षत्रो को मूल नक्षत्र कहते है।
जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो ज्योतिषि बच्चे के नक्षत्र को देखकर उसके भविष्य का अंदाजा लगाता है, यह भविष्य नक्षत्र के व्योहार के जैसा होता है, अगर बच्चे का जन्म किसी अच्छे नक्षत्र मे हुआ है तो बच्चे का भविष्य अच्छा होगा, अगर नक्षत्र मे दोष है तो बच्चे के जीवन मे बहुत कठिनाईपूर्ण व सन्हर्षशील होगा।
मूल नक्षत्र के प्रकार
मूल नक्षत्र कूल 6 प्रकार के होते है, 1. अश्विनी 2. आश्लेषा 3. मघा 4. ज्येष्ठा 5. मूल 6. रेवती, ॥ इन 6 नक्षत्रो मे अश्विनी, आश्लेषा और ज्येष्ठा मूल नक्षत्र है जबकी मघा, मूल, और रेवती सहायक मूल नक्षत्र है, लेकिन इनकी गणना सभी के साथ की जाती है, इसलिये कूल 6 मूल नक्षत्र होते है।
1. आश्विनी | 2. मघा | 3. मूल |
4. ज्येष्ठा | 5. आश्लेषा | 6. रेवती |
नक्षत्र के नाम list
इस लेख मे हम नक्षत्रो के नाम व उनके स्वामी ग्रहो के नाम के बारे मे जानेंगे । Read-हिंदी कैलेंडर 2022
नक्षत्र का नाम | स्वामी ग्रह का नाम |
अश्विनी | केतु |
भरणी | शुक्र |
कृत्तिका | रवि |
रोहिणी | चंद्र |
मृगशिरा | मंगल |
आद्रा | राहू |
पुनर्वसु | वृहस्पति |
पुष्प | शनि |
अश्लेशा | बुध |
मघा | केतु |
पूर्वाफाल्गुनी | शुक्र |
उत्तराफाल्गुनी | रवि |
हस्त | चंद्र |
चित्रा | मंगल |
स्वाती | राहु |
विशाखा | वृहस्पति |
अनुराधा | शनि |
ज्येष्ठ | बुध |
मूल | केतु |
पूर्वाषाढ | शुक्र |
उत्तराषाढा | रवि |
श्रवण | चंद्र |
धनिष्ठा | मंगल |
शतभिषा | राहु |
पूर्वभाद्रपद | व्रहस्पति |
उत्तरभाद्रपद | शनि |
रेवती | बुध |
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इस लेख मे हमने नक्षत्रो के नाम व प्रकार को जाना है और हमने ये भी जाना की मूल नक्षत्र के क्या कार्य है और इससे ज्योतिषि भविष्य कैसे देखते है, अगर शब्दो मे कही त्रुटि हो तो क्षमा करे और यह लेख आप को कैसा लगा कमेंट मे जरुर बताये – हमारे साथ जुडे- join Now